पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने चतुर्थ कृषि रोड मैप के आरंभ पर बुधवार को कहा कि पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप (Fourth Bihar Agricultural Road Map) योजना विफल साबित हुई है. सरकार को उसे पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. कृषि रोड मैप सरकार के 12 विभागों द्वारा धन उगाही का जरिया बन गया है. कृषि रोड मैप 2008 से शुरू हुआ, लेकिन अभी भी बिहार के किसान आमदनी में देश के सबसे निचले राज्यों में हैं. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने खुलेआम कहा था कि विभाग में सभी चोर हैं. कृषि रोड मैप से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है.


अंतिम कृषि रोड मैप का भी हश्र होगा- विजय कुमार सिन्हा 


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत कृषि कैबिनेट भी बनाई गई थी, लेकिन पिछले कई वर्षों में उसकी बैठक नहीं हुई है. मुख्यमंत्री के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि चौथा कृषि रोड मैप को उन्होंने अंतिम बताया है. जब योजनाएं कागज पर ही बनती हैं और कागज पर ही क्रियान्वयन होता है तो बाकी कृषि रोड मैप की तरह ही अंतिम कृषि रोड मैप का भी हश्र होगा. सरकार चुनावी छलावा के रूप में कृषि रोड मैप का उपयोग कर रही है.


बिहार में चौथे कृषि रोडमैप को जारी किया गया


बता दें कि बिहार में बुधवार को चौथे कृषि रोडमैप को जारी कर दिया गया. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई नेता मौजूद रहे. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आज चतुर्थ कृषि रोडमैप की शुरुआत हो रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मैं का अभिनंदन करता हूं. इनसे हमने अनुरोध किया था और आज ये उपस्थित हुई हैं तो खुशी की बात है.


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