पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने मंत्रिमंडल विस्तार में अनिश्चितता पर सोमवार को तंज कसते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में महागठबंधन (Mahagathabandhan)के दलों में सीट बंटवारे में उठापटक तय है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को अपने आवास पर बुलाकर लालू यादव (Lalu Yadav) ने उनसे सीक्रेट डील कर ली है और जेडीयू को किनारे लगा दिया है. कांग्रेस (Congress) को एक मंत्री पद से ज्यादा नहीं देने पर अड़े नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अब दो मंत्री पद और देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. दो मंत्री पद पाने का एलान बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पहले ही कर चुके हैं. अब उन्होंने बोर्ड और निगम में भी अपना दावा ठोक दिया है. यह सब लालू यादव के इशारे पर हो रहा है.


महागठबंधन पर साधा निशाना


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्षियों की मुंबई में होने वाली आगामी बैठक में भी नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया जायगा. कांग्रेस पार्टी अभी भी नीतीश कुमार पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं है, उसे एक मात्र लालू यादव पर भरोसा है, जिनके साथ राहुल गांधी कार्य योजना बना चुके हैं. अब लालू प्रसाद बिहार महागठबंधन के ड्राइविंग सीट पर हैं और इसलिए खराब स्वास्थ्य के बावजूद बिहार नहीं छोड़ रहे हैं. नीतीश कुमार जब तक तेजस्वी यादव के लिए मुख्यमंत्री पद का त्याग नहीं करेंगे, देश स्तर पर विपक्षियों के संघटन में उन्हें कोई पद नहीं दिया जाएगा.


जेडीयू को किनारे लगाने का काम शुरू हो गया है- विजय सिन्हा


 नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के इशारे पर बिहार में जेडीयू को किनारे लगाने का काम लालू यादव ने शुरू कर दिया है. अपने दल के सजायाफ्ता और जेल में बंद नेताओं को बाहर लाने का काम उन्होंने पहले ही शुरू कर दिया है. बोर्ड और निगम में अपने दल के कुछ दागी लोगों को जगह दिलाकर उन्होंने तथाकथित सुशासन की धज्जियां उड़ा दी हैं. जेडीयू अब इनके पीछे-पीछे चलने के लिए मजबूर है. वहीं, बिहार में वामपंथियों के विस्तार के सपनों को लालू यागव और नीतीश कुमार मिलकर चकनाचूर कर रहे हैं, इन्हें न तो मंत्री पद मिला और न ही बोर्ड निगम में कोई जगह मिला है. 2020 चुनाव के बाद प्रथम विधानसभा सत्र में ही नीतीश कुमार ने माले के लोगों को सदन में हड़काया था वह अभिलेख में मौजूद है.


'वामपंथी पार्टियों की प्रासंगिकता अब खत्म हो चुकी है'


बीजेपी नेता ने कहा कि किसानों और मजदूरों के नाम पर राजनीति करने बाले वामपंथी पार्टी किसान और मजदूर विरोधी महागठबंधन सरकार में उनके हित के लिए कुछ नहीं कर पा रही है. वामपंथी पार्टियों की प्रासंगिकता अब खत्म हो चुकी है. राज्य की जनता महागठबंधन सरकार और इसमें शामिल सभी दलों का खेल देख रही है. आने वाले चुनावों में जनता के सहयोग से बीजेपी इनका सूपड़ा साफ कर देगी.


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