(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP Statement: 'ना बचाते हैं और ना फंसाते हैं', सीएम नीतीश के इस बयान को विजय सिन्हा ने बताया झूठा और बेबुनियाद
Vijay Sinha Statement: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सीएम नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं. वहीं, रविवार को उन्होंने कई मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा.
पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने रविवार को बिहार में अपराध को लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि 'ना बचाते हैं और ना फंसाते हैं'. ये बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं लेकिन बिहार की जनता यह जान चुकी है कि यह बिल्कुल झूठा और बेबुनियाद बातें हैं. आज किस तरीके से बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ा है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको जनता का राज बताने में लगे हैं. अब यह जनता राज नहीं, गुंडाराज बन चुका है.
मीडिया बंधुओं को फंसाया जा रहा है- विजय कुमार सिन्हा
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में अपराध, भ्रष्टाचार चरम पर है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता सुख भोगने में इस कदर व्यस्त हैं कि उनको जनता का दर्द दिखाई नहीं पड़ता है. विगत दिन पूर्व जिस तरीके से छपरा में दो युवकों की पीट-पीट कर हत्या कर कर दी गई थी. इस खबर को दिखाने वाले मीडिया बंधुओं पर गलत तरीके झूठा एफआईआर करके उनको फंसाया गया. देश के चौथे स्तंभ पत्रकार होते हैं लेकिन जिस तरीके से मीडिया बंधुओं को खबर प्रकाशन और प्रकाशित के लिए तानाशाही कानून तरीके से फंसाया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है.
आवेदन में मंत्री का था नाम- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि सरकार में अपराधियों और भ्रष्टाचारियों की जमात बैठी है तो इंसाफ की मांग किस से किया जाए? मुजफ्फरपुर के कांटी हत्याकांड में शामिल मंत्री को शीघ्र बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए. नौ फरवरी को कांटी कोठिया के पास राहुल सहनी की हत्या की गई. हत्या के विरुद्ध मृतक के पिता लाल बाबू सहनी द्वारा थानाध्यक्ष को आवेदन दिया गया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. आवेदन में मंत्री और अन्य अपराधियों की हत्या में संलिप्तता की चर्चा थी.
तमिलनाडु मामले की रिपोर्ट सदन में पेश हो'
वहीं, तमिलनाडु मामले पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर तमिलनाडु का वीडियो गलत है तो इसकी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा जाए और जितने भी तमिलनाडु से मजदूर घर वापस आए हैं उनसे जाकर बात करके सही सूचना की जानकारी दी जाए.