पटना: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) में नमाज अदा करने के लिए रूम दिए जाने के बाद देश में सियासत तेज हो गई है. हेमंत सरकार (Hemant Government) के इस फैसले पर अलग-अलग पार्टी के नेता अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इधर, झारखंड की राजनीतिक तपिश बिहार पहुंचने लगी है. बिहार में भी नेता अब विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में धार्मिक गतिविधियों के लिए जगह मांग रहे हैं. बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल (Haribhushan Thakur Bachaul) ने बिहार विधानसभा में हनुमान चालीसा पढ़ने और प्रार्थना करने की जगह देने की मांग की है.
संविधान का मजाक उड़ाया गया
मंगलवार को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " ये जो अभी झारखंड विधानसभा में नमाज रूम दिया गया है, वो संविधान के खिलाफ है. धर्मनिरपेक्ष राज्य और राष्ट्र की जो कल्पना है, उसमें सत्ता धर्म के लिए कोई सुख सुविधा नहीं दे सकती. धर्म व्यक्तिगत चीज होता है, लेकिन वहां नमाज रूम देकर के संविधान का मजाक उड़ाया गया है और तुष्टिकरण व वोट बैंक की नीति अपनाई गई है. अगर नमाज के लिए रूम दिया गया है, तो हनुमान चालीसा और प्रार्थना के लिए रूम दिया जाना चाहिए. ये हम सरकार से मांग करते हैं."
जेडीयू एमएलसी ने आपत्ति जताई
हालांकि, बीजेपी विधायक की इस मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू (JDU) के एमएलसी गुलाम गौस (Ghulam Gaus) ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, " देश में सभी धर्म के लोग एक समान हैं. इस देश की बहुत गौरवशाली परंपरा रही है. मुझे जहां तक याद है, इस देश में सबसे पहले जिस मस्जिद का निर्माण हुआ था, वो हिन्दू राजाओं की देख रेख में हुआ था. अमृतसर स्वर्ण मंदिर की नींव मुस्लिम राजा ने डालने का काम किया. अमरनाथ गुफा की तलाश मुस्लिम पहाड़ी ने की थी."
उन्होंने कहा, " हमलोग हमेशा से एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते आए हैं. कोई भी काम ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचें. हम लोगों में बर्दाश्त करने की शक्ति होनी चाहिए. लेकिन कुछ लोग इंतेजार में रहते हैं कि कोई मौका आए तो हमलोग खुराफात करें. जहां तक नमाज के सवाल है तो नमाज तो हम हर जगह पढ़ सकते हैं, इसलिए हमारा यही कहना है कि इन सब बातों को लोग राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाए. कोई वोट के उदारता ना दिखाए या कोई वोट के लिए सांप्रदायिकता ना फैलाएं. हमारी यही अपील है."
बीजेपी विधायक बेतुकी बातें कर रहे
इधर, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, " बीजेपी विधायक बेतुकी बातें कर रहे हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए उनके घर में जगह नहीं है, इसलिए वो विधानसभा में पढ़ने के लिए जगह की मांग कर रहे हैं. धार्मिक ग्रंथ तो लोग कहीं भी पढ़ सकते हैं. ये आस्था का विषय है, राजनीति का विषय नहीं है."
मृत्युंजय तिवारी ने कहा, " धर्म के नाम पर नफरत फैलाना, समाज को तोड़ना, सम्प्रदायिकता भड़काना यही बीजेपी के लोगों का काम है. वो मुद्दे पर कभी बात नहीं करते. अब तो केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी सरकार है, वो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से जगह ले लें. इससे भी मन न भरे तो लाल किला पर हनुमान चालीसा का पाठ करें. इनको धर्म के नाम पर केवल राजनीति चमकानी है. इससे ज्यादा इनको कुछ नहीं करना."
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