Haribhushan Thakur Bachhaul On Dharna: मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड के रघौली पंचायत के उसौथू गांव में दलित, महादलित, अतिपिछड़ी जाति के 76 पर्चाधारियों की भूमि पर अल्पसंख्यक विद्यालय और छात्रावास बनाया जा रहा था, जिसका शुक्रवार (20 सितंबर) को ग्रामीणों ने जबरदस्त विरोध किया. ग्रामीणों का साथ देते हुए बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए. हंगामे के बाद फिलहाल जिला प्रशासन ने निर्माण पर रोक लगा दी है.
ग्रामीणों के विरोध के बाद लगी रोक
जानकारी के अनुसार बिस्फी प्रखंड के प्रखंड के रघौली पंचायत के उसौथू गांव में शुक्रवार भरी दोपहर को दलित, महादलित, अतिपिछड़ी की भूमि पर अल्पसंख्यक विद्यालय सह अल्पसंख्य छात्रावास का निर्माण शुरू किया जा रहा था, लेकिन मौके पर पर्चाधारियों और ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध के बाद जिला प्रशासन को अल्पसंख्यक विद्यालय सह अल्पसंख्य छात्रावास के निर्माण पर रोक लगा लगाना पड़ा.
मौके पर ग्रामीणों के समर्थन में बिस्फी के बीजेपी विधायक और बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक हरी भूषण ठाकुर बचौल भी उक्त भूमि पर ग्रामीणों के साथ धरना पर बैठ गए. उनके किए गए प्रयासों के बाद प्रशासन हरकत में आया और निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लग सकी. घटना को लेकर हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बताया कि इस मामले की जानकारी गुरुवार को ही मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा को दे दी थी, उसके बाद भी बिना पूर्व सूचना के ठेकेदार ने छात्रावास निर्माण कार्य शुरू कर दिया.
हम अल्पसंख्यक विद्यालय सह अल्पसंख्य छात्रावास के निर्माण के खिलाफ नही है, लेकिन स्थल का चयन गलत है. इस जमीन का पर्चा सरकार ने ही आम जनता को दिया है. यहां बाढ़ में 10 फीट से ज्यादा पानी रहता है. ऊपर से यहां के पर्चाधारियों ने अभी कई बार पानी देकर फसल उपजाया गया था. ठेकेदार ने भूमि पर लगे धान के तैयार फसल को रोटावेटर मशीन से तहस-नहस कर दिया. इसको लेकर पर्चाधारियों में अलग ही आक्रोश है. यह जनता के पैसे की लूट है, जिसको लेकर जनता आंदोलन कर रही है. मैं भी जनता के साथ हूं.
मामले की जानकारी हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, भूमि सुधार सह राजस्व मंत्री सह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को भी दी, जिसके बाद मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा को निर्देश दिया गया तब निर्माण कार्य पर रोक लगी. वहीं इस मामले की जानकारी होने पर बिस्फी, पतौना और औंसी सहित कई थानों की पुलिस के साथ बिस्फी के बीडीओ बसंत सिंह, सीओ निलेश कुमार शुक्ला सहित जिला मुख्यालय से भारी संख्या में शस्त्र बालों के जवान उक्त भूमि पर पहुंच गए.
सरकार के निर्णय का ग्रामीणों को इंतजार
इस भूमि के पर्चाधारियों ने बताया कि हजारों रुपये लगाकर फसल की रोपनी की थी, जिसे ठेकेदार ने बर्बाद कर दिया है. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इसका भी मुआवजा मिले. हम लाठी गोली खाएंगे लेकिन भूमि नही देंगे. इस भूमि के चारो ओर भारी संख्या में बहुसंख्य समुदाय की आबादी है. इसलिए यह स्थान अल्पसंख्यक छात्रावास बनाने लायक उपयुक्त नहीं है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो उनके अनुसार वे लोग अब इंतजार कर रहे हैं कि बिहार सरकार और प्रशासन इस मामले को लेकर आगे क्या निर्णय लेती है.
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