पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र जारी है. सोमवार को सदन के अंदर कब्रिस्तान के साथ ही श्मशान और मंदिर की घेराबंदी का मुद्दा उठाया गया. विपक्ष ने जहां कब्रिस्तान की घेराबंदी का मुद्दा उठाया. वहीं, बीजेपी (BJP) के विधायकों ने साफ तौर पर कह दिया कि बिहार सरकार श्मशान और मंदिरों की भी घेराबंदी कराए. हालांकि, सरकार दोनों ही मुद्दों पर कन्नी काटती हुई दिखी. लेकिन मांग की गंभीरता को भांपते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सरकार को चलते सत्र में विचार कर जवाब देने का आदेश दिया.
विपक्ष के विधायक ने कही ये बात
दरअसल, विधायक शमीम अहमद (Shameem Ahmad) ने सदन में सवाल उठाते हुए गृह विभाग से पूछा कि नरकटियागंज में कब्रिस्तान की घेराबंदी में देरी क्यों हो रही है. घेराबंदी नहीं होने की वजह से असामाजिक तत्व गड़बड़ी कर रहे हैं. ऐसे में कब्रिस्तान की घेराबंदी जल्द से जल्द कराई जाए, ताकि परेशानियों से निजात मिले.
सवाल का जवाब देते हुए गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव (Bijendra Yadav) ने कहा कि सरकार उन स्थानों पर जिला पदाधिकारी के निर्देश का पालन कर तुरंत घेराबंदी का निर्देश देती है, जहां पर विवाद या किसी प्रकार की दंगा-फसाद जैसी घटनाओं के होने की आशंका होते है. हालांकि, सरकार के जवाब से विपक्ष के विधायक सहमत नहीं हुए और मांग पूरी करने की बात दोहराई.
बीजेपी विधायकों ने की ये मांग
इधर, मंत्री के जवाब देने के बाद बीजेपी (BJP) विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल (Haribhushan Thakur Bachol) ने कब्रिस्तान के साथ श्मशान और मंदिर की भी घेराबंदी का मुद्दा सदन में उठाया. उनके बोलने भर की देरी थी, सदन में बीजेपी के दर्जनों विधायक उनके सुर में सुर मिलाते हुए एक साथ खड़े हो गए हैं और श्मशान, मंदिर और कब्रिस्तान की घेराबंदी की मांग करने लगे.
हालांकि, सरकार की तरफ से मंत्री बिजेंद्र यादव ने साफ कर दिया कि सरकार के पास अभी ऐसा कोई विचार नहीं है, जिसमें कि मंदिर और श्मशान की घेराबंदी कराई जाए. लेकिन मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन में जोरदार हंगामा हुआ और बीजेपी के विधायक अपनी सीट से खड़े होकर सरकार से जल्द से जल्द फैसला करने की मांग करने लगे.
मंत्री ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की
हंगामे के जवाब में बिहार सरकार के मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि श्मशान की घेराबंदी इसलिए संभव नहीं है क्योंकि लोग अपनी-अपनी जमीन में ही अपने स्वजनों को जला अंतिम संस्कार कर देते हैं. ऐसे में जगह का चयन कैसे हो पाएगा. मंत्री के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से सीधे तौर पर जवाब देने की बातें कहीं.
ऐसे में मंत्री बिजेंद्र यादव ने अपने परिवार की कहानी सुनाते हुए कहा कि उनके ही परिवार में कई लोगों की मृत्यु होने के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके घर के बाहर स्थित पोखर के पास ही कर दिया गया. ऐसे में कैसे श्मशान की घेराबंदी हो सकती है. इस जवाब के बाद बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर सहित दर्जनों विधायक अपनी सीट से खड़े होकर ये मांग करने लगे कि सरकार इस पर विचार करे. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को आदेश दिया कि वे चालू सत्र में ही इस मुद्दे पर विचार करके बता दें.
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