बीजेपी विधायक ने गोपालगंज में बाढ़ के लिए जल संसाधन मंत्री को बताया जिम्मेदार
अपने विधानसभा क्षेत्र में एक के बाद एक 7 जगहों पर सारण बांध टूटने के बाद विधायक जी आग बबूला हो गए. उन्होंने जल संसाधन विभाग पर स्थिति का ठीकरा फोड़ते हुए मंत्री संजय को जिम्मेदार ठहराया है.
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गोपालगंज: जिले के बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में एक के बाद एक सात जगह सारण बांध टूटने और बाढ़ के प्रलयंकारी रूप लेने के बाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी के सब्र का बांध टूट गया. उन्होंने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जल संसाधन मंत्री संजय झा को मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार बताया है. बांधों के टूटने का ठीकरा जल संसाधन विभाग पर फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि इस स्थिति का जिम्मेदार जल संसाधन विभाग के अधिकारी हैं.
विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही जनता
उन्होंने कहा, "गोपालगंज के बैकुंठपुर प्रखंड में एक के बाद एक 7 जगह सारण बांध का टूटना दुर्भाग्यपूर्ण है. बांधों के मजबूती की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की थी. लेकिन इस ओर भारी लापरवाही की गई है, नतीजतन इतनी बड़ी आबादी को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है."
समय पर नहीं हुआ काम
मिथिलेश ने बताया कि करीब 8 महीने पहले जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर के आवास पर एक संवेदक की मौत हुई थी. इस घटना के बाद कई महीने तक अधिकारी फरार थे, जिस वजह से विभागीय काम ठप हो गया था. यह भी एक वजह है, जिस कारण बांध की मजबूती को लेकर काम नहीं किया गया. फिर पूरे देश में कोरोना के मद्देनजर सम्पूर्ण लॉकडाउन हो गया, इस वजह से भी काम पर असर पड़ा.
विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
विधयाक जी की मानें तो बैकुंठपुर के पकहा में जो छरकी टूटा है, वह किसी ने साजिश के तहत तोड़ा है, क्योंकि वह बहुत मजबूत था और वह गंडक के दबाव की वजह से टूट नहीं सकता. उसके टूटने के बाद ही बैकुंठपुर में 6 और जगह सारण बांध टूटा है. ऐसे में उनका कहना है कि वो 3 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के मॉनसून सत्र में अपने ही सरकार पर दवाब बनाएंगे और मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.
बता दें कि जल संसाधन विभाग ने दावा किया था कि लॉकडाउन होने के बावजूद बांध मरम्मती काम किया गया है. लेकिन विभाग के इस दावे के पोल सत्ताधारी पार्टी के नेता खुद खोल रहे हैं, उनका कहना है कि 8 महीने से विभाग ने कोई काम नहीं कराया है. मालूम हो कि साल के अंत में सूबे में विधानसभा चुनाव होना है. लेकिन चुनाव से पहले ही बाढ़ आ गई है.
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