दरभंगा: बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर पिछले 4 बार से दरभंगा नगर विधायक रहे संजय सरावगी बुधवार को लहेरियासराय के कबिलपुर में एम.आर.योजना अंतर्गत लहेरियासराय चट्टी चौक से कबिलपुर तक पथ मरम्मती कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे. लेकिन बैनर पर लिखा एक शब्द "मरम्मती कार्य" देख स्थानीय लोगों का गुस्सा फुट पड़ा.
लोगों का आरोप था कि जहां पथ निर्माण लिखा होना चाहिए था, वहां मरम्मत लिखा है. कुछ दिनों बाद ही चुनाव आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में नेताजी सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहें हैं. जब चुनाव का समय आया है तो नेताजी को इस सड़क की याद आयी है और चले आए अपने नाम का बोर्ड लगवाने, जबकि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद कोई नया काम नहीं होगा.
आक्रोशित लोगों ने विधायक जी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की, जिसे देख विधायक जी के समर्थकों ने विरोध कर रहे लोगों से धक्का-मुक्की की. लेकिन विधायक जी और उनके गुर्गों की एक न चली और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा.
इस संबंध में जब पत्रकारों ने संजय सरावगी से इस संबंध में सवाल पूछा तो वो भड़क गए और मीडिया को दलाल बताते हुए कैमरा छीन लिया. लेकिन विधायक जी यह भूल गए कि कैमरे में सब रिकॉर्ड हो रहा था. बता दें कि कुछ दिनों पहले भी दरभंगा शहर के जीतू गाछी-गुललोवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों ने भी इन्हें बंधक बनाया था.
इधर, दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति झा आजाद ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस पथ का शिलान्यास कुछ महीनों पूर्व ही हुआ था, उसपर लोगों द्वारा सवाल पूछने और विरोध करने पर इस तरह का व्यवहार और मीडिया के सवाल पूछने पर हाथ छोड़ना ये सत्ता में बैठे बिहार के जनप्रतिनिधि की आदत बन गई है. ये जो तालिबानी रवैया अपनाए हुए हैं जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.