पटना: पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को लेकर दिए गए सीएम नीतीश (Nitish Kumar) के बयान से अभी बिहार की राजनीति गरमाई हुई है. इसको लेकर एनडीए के नेता सदन के बाहर सीएम नीतीश से इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, इस विवाद पर बीजेपी विधायक श्रेयसी सिंह (Shreyasi Singh) ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश कुमार का संस्कार गिर गया है. जहरीला पदार्थ मिलाकर लड्डू बांटा जा रहा था कि हमलोग का दिमाग खराब हो जाए. नीतीश कुमार विधानसभा में नियम का पालन नहीं करते हैं. मुख्यमंत्री और विधानससभा स्पीकर दलित की बात नहीं सुनते हैं. मांझी उलूल-जुलूल बात नहीं करते हैं. यह सरकार महिला विरोधी है और एससी विरोधी है. 


'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो दोषी हैं ही'


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि विधानसभा के अभिरक्षक अध्यक्ष हुआ करते हैं. इस बात का दुख है कि सदन के अध्यक्ष (अवध बिहारी चौधरी) सत्ता पक्ष के पक्ष में अपना सारा निर्णय दे रहे हैं, जो इस संविधान और जनतंत्र के लिए घातक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो दोषी हैं ही, लेकिन हमारे अध्यक्ष भी उनसे कम दोषी नहीं हैं.


बीजेपी विधायक व मांझी विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे हैं


बता दें कि विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर गुरुवार को चर्चा हो रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने इस दौरान चर्चा में भाग लेते हुए जातीय सर्वे पर ही सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि क्या सरकार कभी इसका विश्लेषण किया है कि आरक्षण का लाभ लोगों को मिल रहा है. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए और खड़ा होकर बोलने लगे. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को कोई ज्ञान नहीं है. मेरी मूर्खता की वजह से सीएम बन गए. उन्होंने आगे बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये गवर्नर बनना चाहता है, पहले भी आप लोगों के पीछे घूमता था, बनवा दीजिए गवर्नर. वहीं, इस बयान को लेकर शुक्रवार को बीजेपी विधायक व मांझी विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. नीतीश से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.


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