पटना: देश भर में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. बिहार में भी बीते दिनों कोरोना ने काफी तबाही मचाई, जिसके बाद लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. सारे अधिकारी कोरोना से निपटने में जुटे हुए हैं. ऐसे स्थिति में बिहार पंचायत चुनाव स्थगित होने के कगार पर पहुंच गया है. चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं की जा रही है. जून में सभी मुखियाओं का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में जून के बाद पंचायती राज व्यवस्था सुचारू रूप से कैसे चलेगी इसपर विवाद जा रही है. 


रामकृपाल यादव ने लिखा पत्र


बिहार के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से सांसद रामकृपाल यादव ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा, " कोरोना महामारी के चलते बिहार पंचायत चुनाव 2021 फिलहाल टलने की स्थिति में पहुंच गया है. चुनाव नहीं होने की स्थिति में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के समक्ष संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा."


उन्होंने कहा, " केन्द्र और राज्य सरकार की अधिकतर योजनाएं जो पंचायतों के विकास से संबंधित हैं, उनके कार्यान्वयन में भी प्रशासनिक संकट पैदा होने की स्थिति है. ऐसी स्थिति में बिहार सरकार को कोई ऐसा निर्णय लेना होगा, जिससे त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था प्रभावी ढंग से गांव के विकास में पहले की तरह ही काम करती रहे."


चुनाव होने तक बढ़ाया जाए कार्यकाल


बीजेपी सांसद ने बताया, " बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने आपको(नीतीश कुमार) एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अनुरोध किया है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत जनप्रतिनिधियों को प्राप्त अधिकार, शक्ति और कर्तव्यों को बिहार पंचयात चुनाव 2021 के होने तक बढ़ाया जाए. इनके अलावे त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के कई जनप्रतिनिधियों ने इस आशय का मांग किया है."


रामकृपाल यादव ने कहा, " मांग के पीछे इन जनप्रतिनिधियों की कई वाजिब चिंताएं हैं. जनप्रतिनिधियों की मांग उचित प्र‍तीत होती है. ऐसे में अनुरोध है कि त्रिस्तयरीय पंचायती राज व्यवस्था के सभी स्टेक होल्डर से बात करके जल्द कोई फैसला लें."


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