One Nation, One Election: बीजेपी सांसद संजय जायसवाल की वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनी, उस समिति ने सभी लोगों से बात कर अपनी रिपोर्ट तैयारी की. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने ये ऐतिहासिक परिवर्तनशील करने का फैसला लिया. सबसे पहले पीएम मोदी के समय में ही वन नेशन वन टैक्स पास हुआ और देश में जीएसटी लागू हुई इसका सभी को फायदा हो रहा है. उस समय भी विपक्ष के लोग विरोध कर रहे थे लेकिन आज वो धरातल पर है.


बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि आज हकीकत यह है कि जीएसटी लगने के कारण विकास तेजी से हो रहा है. दूसरा वन नेशन वन राशन मोदी सरकार लेकर आई. आज कोई भी राशन लेने वाला उपभोक्ता कहीं भी रहता है उसे वहां राशन मिल जाता है. राशन कार्ड वहीं होता है लेकिन किसी भी जगह उसे राशन मिलने में कोई परेशानी नहीं होती. अब केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन लेकर आई. जिसपर सभी को विचार करना चाहिए.


‘केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित’
संजय जायसवाल ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता ने जो संविधान बनाया था उसके बाद लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे. लेकिन इंदिरा गांधी ने घमंड के कारण सभी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगना शुरू किया गया और वन नेशन वन इलेक्शन देश से खत्म हो गया. इलेक्शन कमीशन का भी 2015 में रिकमेंडेशन आया था कि वन नेशन वन इलेक्शन होना चाहिए.


अब केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित होना चाहिए. ताकि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाए जा सके. इससे देश की बहुत बड़ी राशि बचेगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का रिकॉग्निजेशन है कि 2034 से इसे लागू किया जाना चाहिए. इसपर सभी दलों को विचार करना चाहिए.


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