Waqf Board Claim Ownership of Entire Village: राजधानी पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोक दिया है. गांव में बोर्ड लगाया गया है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है. सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से यहां के रहने वाले लोगों को नोटिस दिया गया है कि 30 दिन में घर खाली कर दें. यहां लगभग 95 फीसद हिंदू परिवार रहते हैं. अब यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. गुरुवार (29 अगस्त) को बीजेपी नेता और फतुहा विधानसभा के पूर्व बीजेपी प्रत्याशी रहे सत्येंद्र सिंह गांव पहुंचे. लोगों से बात को समझा.
सत्येंद्र सिंह पटना साहिब से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के कहने पर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे. कहा कि उन्होंने लोगों से बातचीत की है. उनके कागजात को भी देखा है. वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस देने वाले बबलू मियां की ओर से भी प्रस्तुत कागजात को उन्होंने देखा है. उन्होंने सारे कागजातों को इकट्ठा कर लिया है. इसे सांसद रविशंकर प्रसाद को दिया जाएगा. जो भी उचित निर्णय होगा वह हम लोग लेंगे.
'किसी के साथ नहीं होना चाहिए अन्याय'
सत्येंद्र सिंह ने आगे कहा कि किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा. वक्फ बोर्ड देश की आजादी के बाद आया है, लेकिन यहां रहने वाले लोग उससे पहले से हैं. इसलिए वक्फ बोर्ड को हम नहीं मानते हैं. मेरा मकसद है सबसे पहले मानवता होना चाहिए. चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हो, किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
बता दें कि फतुहा के गोविंदपुर गांव में लगभग सात से आठ घर के लोगों को वक्फ बोर्ड की ओर से अभी तक नोटिस भेजा गया है. ये सभी हिंदू समुदाय के हैं. करीब 100 वर्षों से ये लोग यहां रहते आ रहे हैं जिन्हें नोटिस देकर कहा गया है कि एक महीने के अंदर वो लोग इसे खाली कर दें, यह जमीन वक्फ बोर्ड की है. वक्फ बोर्ड ने वहां पर अपना एक बोर्ड भी लगाया है. अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मीडिया में खबर आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है. देखना होगा कि अंतिम फैसला क्या होता है.
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