पटना: बिहार में महागठबंधन को एक बार फिर झटका लगा है. मंगलवार (27 फरवरी) को कांग्रेस से दो और आरजेडी से एक विधायक एनडीए खेमे में आ गए. तीन विधायकों में कांग्रेस से सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम हैं. आरजेडी से संगीता देवी हैं. ऐसे में एक तरफ जहां महागठबंधन के नेता लोकतंत्र की हत्या की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर एनडीए के नेता खुश हैं. अब बीजेपी ने विधायकों के टूटने की वजह बताई है. विधायक नितिन नबीन ने बड़ा दावा भी किया है.
विधायकों के पलटने के सवाल पर कि कहा जा रहा है कि यह लोकतंत्र की हत्या है. इस पर नितिन नबीन ने कहा, "मैं तो यही कहना चाहता हूं तेजस्वी यादव जी से कि जिस दिन आपने ट्वीट कराया था कि बहुत बड़ा खेला होगा. 17-17 विधायक हैं. वो कौन सी लोकतंत्र की खूबसूरती थी. बहुमत हमारे पास है, लेकिन इसके बाद भी आपके नेता गठबंधन को छोड़कर आ रहे हैं तो कहीं न कहीं आपके नेतृत्व में जो भ्रष्टाचार छुपा है उसका नतीजा है. अब भी अपनी अंतरआत्मा में जाइए और राजनीति को शुद्ध कीजिए. अभी तो ट्रेलर है. पूरी पिक्चर बाकी है."
'आपको विधायकों पर भरोसा नहीं था…'
इससे पहले नितिन नबीन ने कहा कि तेजस्वी यादव बहुत खेला करने की बात कर रहे थे, पूरा परिवार लगा हुआ था खेला खेलने के लिए, तो उनको खेला का मतलब समझाया जा रहा है. खेला होता क्या है. आपने (तेजस्वी यादव) विधायकों को बंधक बनाकर रखा था. आपको विधायकों पर भरोसा नहीं था. कांग्रेस के लोगों ने विधायकों को उड़ा कर रखा था. जाहिर सी बात है कि इस तरह का खेल होगा तो लोगों में अपने नेतृत्व के प्रति आस्था खत्म होगी. तेजस्वी यादव और राहुल गांधी न्याय यात्रा में घूम रहे थे. जो पार्टी को नहीं जोड़ पाए, परिवार को नहीं जोड़ पाए वो भारत जोड़ो पर निकले हैं. उनको उनके विधायकों ने जवाब दिया है.
बता दें कि इससे पहले बिहार में फ्लोर टेस्ट के दिन भी आरजेडी को झटका लगा था. तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव सरकार के समर्थन में आ गए थे. उस दिन सत्ता पक्ष की ओर आकर बैठ गए थे. एक बार फिर आरजेडी और साथ में कांग्रेस को झटका लगा है.
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