पटना: बिहार के दो युवा नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बुधवार को मुलाकात की. पिता रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में तेजस्वी को आमंत्रित करने के लिए चिराग पासवान उनसे मिलने पहुंचे थे. हालांकि, जैसे ही दो युवा नेताओं के मुलाकात की तस्वीर सामने आई, सूबे का सियासी पारा चढ़ गया. कयासों का दौर शुरू हो गया. मौजूदा राजनीतिक परिवेश में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. 


विक्षुब्ध केटेगरी में आ गए हैं दोनों 


इन्हीं कयासों के बीच गुरुवार को बीजेपी ने दोनों नेताओं की मुलाकात पर तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने कहा, " तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की कथा-व्यथा एक ही है. तेजस्वी यादव यहां अपने बड़े भाई को निपटाने में लगे हुए हैं. वहीं, चिराग पासवान अपने चाचा (पशुपति पारस) को निपटाने में लगे हुए हैं. ये दोनों ही राजनीति के विक्षुब्ध केटेगरी में आ गए हैं."


निखिल आनंद ने कहा, " दोनों एक-दूसरे से मुलाकात करते हैं. अब दो विक्षुब्ध लोग मिलकर कौन सी राजनीति को अंजाम देंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन जिस तरह से चिराग पासवान ने रामविलास पासवान की मूर्ति उनके पुराने आवास में लगा दी है, वो गलत है. हर चीज़ का एक नियम कानून होता है. इस काम के लिए वो संबंधित विभाग को पिटीशन लिख सकते थे."


12 सितंबर को पहली पुण्यतिथि


बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की 12 सितंबर को पहली बरसी है. पिछले साल एलजेपी नेता का इलाज के दौरान दिल्ली में निधन हो गया था. बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद रामविलास के निधन के बाद चिराग पासवान ने बागडोर संभाली थी और एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें करारे शिकस्त का स्वाद चखना पड़ा था.


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