कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन को बिहार बीजेपी ने बताया ड्रामा
राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक का असर सोमवार को बिहार में भी देखने को मिला. बिहार कांग्रेस के नेताओं ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का जरा भी ख्याल नहीं रहा.
पटना: राजस्थान में गहलोत सरकार के साथ चल रहे सियासी दांव पेंच को कांग्रेसियों ने साजिश करार दिया है. वहीं इसका व्यापक असर बिहार में भी देखने को मिला जब सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के आवाह्न पर प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राजभवन के पास जमकर हंगामा किया. इस दौरान केंद्र के सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिग का भी ख्याल नहीं रखा.
लोकतंत्र पर उत्पन्न हो गया है खतरा
मीडिया की ओर से सवाल खड़े करने पर प्रदेश अध्यक्ष लोकतंत्र का हवाला देते दिखे. उन्होंने कहा कि " राजस्थान में सरकार को वहां की जनता ने बहुमत दिया था, यह बहुमत मध्यप्रदेश में भी जनता ने दिया था पर एन केन प्रकारेन उन्होंने तोड़ दिया. ये लोग धन बल से लेकर आईटी, ईडी सभी का प्रयोग करते हैं. मेरे समझ से लोकतंत्र पर खतरा उतपन्न हो गया है. इसलिए हमलोग संकेतिक रूप में धरना दे रहे हैं और राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं कि वो इन बातों को राष्ट्रपति तक लेकर जाएं और राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप करें और जो नियम है उस रूप में कार्य हो सके."
वहीं सोशल डिस्टेंसिग के सवाल पर उन्होंने कहा कि "लोग जोश में चले आते हैं, हमलोग ने सभी को डिस्टेंस मेंटेन करने को कहा है, लेकिन आपलोगों के आने से कुछ ऊपर नीचे हो जाता है और यह खतरा है. लेकिन जब लोकतंत्र पर खतरा हो तो लोग अपना खतरा भूल जाता है."
लोकतंत्र बचने के लिए हम सभी कर रहे प्रदर्शन
इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा का कहना है कि " लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है, संवैधानिक परंपराओं के पालन के लिए संघर्ष कर रही है. जिस तरह से राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, कांग्रेस के विधायकों के घर इनकम टैक्स और ईडी के छापे पड़ रहे हैं, इसके खिलाफ हमलोग ने आवाज उठाई है. लोकतंत्र बचना चाहिए, जबसे नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, पिछले 6 वर्षों में लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की गई है और अब संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. हमें इसको बचना है और इसके लिए हम आगे भी संघर्ष करते रहेंगे."
वहीं लॉकडाउन के नियमों के धज्जियां उड़ाई जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि "सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है. हम सभी ने ग्लब्स और मास्क पहना है. राज्यपाल से हमने समय मांगा है, अगर वो समय देते हैं तो उन्हें मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौपेंगे."
आरजेडी और कांग्रेस फैला रही कोरोना
जहां कांग्रेस राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात कर रही है. वहीं बीजेपी इस पूरे प्रकरण को लेकर गहलोत सरकार को ही कटघरे में खड़े कर रही है. बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि "गहलोत सरकार ने राजस्थान में राज्यपाल का अपमान किया है." उन्होंने राजस्थान को लेकर बिहार में कांग्रेस के प्रदर्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह बिहार कांग्रेस की मात्र एक झांसेबाजी है."
बिहार कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि "इस पार्टी ने SC/ST, OBC, EBC को झोला और डंडे ढोने में लगा रखा है." निखिल आनंद यहीं नहीं रुके उन्होंने सोशल डिस्टेंसिग के धज्जी उड़ाए जाने को लेकर आरजेडी और कांग्रेस पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि "आरजेडी और कांग्रेस आपस में ही कंपटीशन कर लॉकडाउन तोड़ रहे हैं और राज्य में कोरोना फैला रहे हैं. बिहार कांग्रेस तो इन दिनों बॉरो प्लेयर के हाथों, एक फ्रेंचाइजी के रूप में बिक चुकी है."