पटना: राष्ट्रीय स्तर पर लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के दौर से निकलने के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद करवट लेती दिख रही है. बिहार में बीजेपी ने दिग्गज नेताओं को करीब-करीब दरकिनार कर युवा और नए चेहरे को सामने लाकर बदलाव के संकेत दे दिए हैं. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने हालांकि अपने दिग्गज नेताओं को टिकट तो जरूर थमाया, लेकिन उन्हें मंत्री पद से वंचित कर दिया.


नीतीश मंत्रिमंडल के गठन के साथ बीजेपी ने जहां उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी के बजाय तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी, वहीं मोदी को राज्यसभा भेज दिया. नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान बचे दिग्गज नेताओं के मंत्री पद मिलने के आसार नजर आ रहे थे, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में भी दिग्गजों को हासिए पर रख दिया गया. नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, विनोद नारायण झा जैसे दिग्गजों को किनारा कर बदलाव के संदेश दे दिए गए.


बीजेपी कोटे के 16 मंत्री हैं, जिसमें से 12 नए चेहरे


केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे और मुस्लिम चेहरा शाहनवाज हुसैन को बीजेपी न केवल बिहार की राजनीति में ले आयी बल्कि उन्हें विधान पार्षद बनाकर मंत्री भी बनाया, जिससे दिग्ग्ज नेताओं को कड़ा संदेश गया है. गौर करने वाली बात है कि बीजेपी ने उन सभी चेहरों को राज्य की राजनीति से अलग करने की कोशिश की है, जिनसे बिहार में बीजेपी की पहचान थी. आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में बीजेपी कोटे के 16 मंत्री हैं, जिसमें से 12 नए चेहरे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान बीजेपी कोटे से बने नौ मंत्रियों में से सात नए चेहरे को मौका दिया गया है.


बीजेपी ने पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार पर फिर से विश्वास जताया है जबकि सम्राट चौधरी को फिर से मंत्री बनने का मौका मिला है. वैसे चौधरी बीजेपी के लिए नए ही हैं. वे जब जेडीयू में थे तब नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वैसे, बीजेपी में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद बगावत के भी स्वर उठने लगे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बाढ़ से विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानु ने नए मंत्रियों के चेहरों पर पार्टी के निर्णय को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी ने जाति, क्षेत्र और छवि का ख्याल भी नहीं रखा. उन्होंने कहा कि अनुभवी लोगों को दरकिनार कर दिया है व सवर्णो की उपेक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में कई जिलों से तीन-तीन मंत्री बन गए हैं, जबकि कई जिलों को छोड़ दिया गया है.


शुभकामना संदेश देने का दौर जारी


बहरहरल, नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद बने नए मंत्रियों को बधाई और शुभकामना संदेश देने का दौर जारी है. बिहार के प्रभारी और सांसद भूपेंद्र यादव ने भी नए मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा, "बिहार की एनडीए सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी नवनियुक्त मंत्रीगण को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं. एनडीए सरकार में बिहार विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. आत्मनिर्भर बिहार बनाने के निश्चय के साथ प्रदेश की एनडीए सरकार लगातार काम कर रही है.


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