पटना: बिहार विधानसभा में गुरुवार को 'आरक्षण संशोधन विधेयक 2023' (Reservation Amendment Bill-2023) सर्वसम्मति से पास हो गया. विधेयक दो दिन पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक से पास हो चुका है. दोपहर के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सरकार ने विधानसभा में 'आरक्षण संशोधन विधेयक 2023' पेश किया, जिसका किसी पार्टी ने विरोध नहीं किया. वहीं, आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 सर्वसम्मति से पास होने के बाद बीजेपी के स्टैंड पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बीजेपी शुरू से ही सदन के बाहर और अंदर जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कर रही थी. 


सर्वे की रिपोर्ट पर बीजेपी उठाती रही है सवाल


जातीय गणना की रिपोर्ट पर बिहार में बवाल मचा हुआ है. इस रिपोर्ट पर बीजेपी शुरू से सवाल खड़ा कर रही है. इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर नीतीश कुमार हैं. इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया था. बीजेपी कह रही है कि ये सर्वे की रिपोर्ट गलत है. वहीं, इसको लेकर सदन में भी बीजेपी ने हंगामा किया था, लेकिन आरक्षण संशोधन बिल 2023 का बीजेपी ने भी समर्थन किया. सर्वसम्मति से इसे आज पास किया गया. सीएम नीतीश कुमार के इस चाल में बीजेपी उलझ गई है.


बीजेपी ने दिया समर्थन


बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने भी आरक्षण संशोधन बिल 2023 का समर्थन किया. इससे पहले जब विधानसभा में जातीय सर्वे रिपोर्ट पेश किया गया था, तभी मुख्यमंत्री ने आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने की बात कही थी. आरक्षण संशोधन विधेयक पर बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी पार्टियों की सहमति से फैसला लिया गया है. 50 प्रतिशत पहले से आरक्षण था, फिर केंद्र ने 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग (आर्थिक रूप से पिछड़े) के लिए दिया. हम लोगों ने उसे भी लागू किया. अब 15 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया है, इसके बाद अब राज्य में 75 प्रतिशत आरक्षण हो गया है.


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