पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को कहा कि स्वाधीनता दिवस (Independence Day 2023) समारोह पर पारम्परिक संबोधन में मुख्यमंत्री ने चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने पर भी कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की. आश्वासन सिर्फ दिया गया कि अब बीपीएससी (BPSC) की परीक्षा के बाद उनके बारे में फैसला लिया जाएगा. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने वही उपलब्धियां गिनाईं, जो एनडीए (NDA) सरकार के समय की हैं. लालू प्रसाद (Lalu Yadav) से डील और महागठबंधन सरकार बनने के बाद एक साल की अवधि में ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसे वे उपलब्धि बता सकें.


'10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा झूठा साबित हुआ'


सुशील कुमार मोदी ने 1.5 लाख लोगों को नौकरी देने के मुख्यमंत्री के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार ने एक व्यक्ति को भी सरकारी नौकरी नहीं दी. पहली कैबिनेट में 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा झूठा साबित हुआ. राज्य सरकार ने जिन नौकरियों के नियुक्ति पत्र बांटे, उनके लिए विज्ञापन निकलने से लेकर ज्वाइनिंग तक की प्रक्रिया एनडीए सरकार पूरी कर चुकी थी. केवल श्रेय लेने के लिए दोबारा नियुक्ति पत्र बांटे गए.


नीतीश कुमार का भाषण पूरी तरह निराशाजनक था- सुशील मोदी


आगे बीजेपी नेता ने कहा कि स्वाधीनता दिवस पर मुख्यमंत्री को बताना चाहिए था कि राज्य में बालू-शराब माफिया, बैंक लुटेरों, पेशेवर अपराधियों और पशु-तस्करों का दुस्साहस इतना क्यों बढ़ा कि वे पुलिस पर हमले कर रहे हैं? नीतीश कुमार का भाषण शिक्षक अभ्यर्थियों, युवाओं, गरीबों, व्यापारियों और आम लोगों के लिए पूरी तरह निराशाजनक था. बता दें कि अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि पिछले साल 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार का एलान किया गया था. इस साल इस क्षेत्र में बहुत काम हुआ है. अगले साल तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है. 


ये भी पढे़ं: BJP Reaction: 'टाइम मांगते रहे लेकिन किसी ने समय...', दिल्ली में नेताओं से बिन मुलाकात लौटे CM नीतीश पर सम्राट चौधरी का तंज