पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. इसको लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar)ने सत्ता में बने रहने के लिए लालू-राबड़ी (Lalu-Rabri) परिवार के भ्रष्टाचार और एम-वाई समीकरण के अपराध के आगे घुटने टेक कर समझौता कर लिया है. जघन्य अपराध के मामलों में सजायाफ्ता जिन 27 बंदियों को छोड़ा जा रहा है, उनमें 13 आरजेडी (RJD) के एम-वाई वोट बैंक वाले समुदाय से हैं. क्या ऐसे फैसलों से प्रशासन का मनोबल नहीं तोड़ा जा रहा है? नीतीश कुमार अपना जनाधार और सुशासन की यूएसपी, दोनों खो चुके हैं.
'सरकार का अनुसूचित जाति विरोधी चेहरा सामने आ गया है'
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अनुसूचित समाज से आने वाले आईएएस जी कृष्णैया की हत्या के मामले में जिसकी सजा को सुप्रीम कोर्ट तक ने बहाल रखा, उसे रिहा करने के लिए कानून से छेड़छाड़ करना क्या कानून का राज है? इस फैसले से सरकार का अनुसूचित जाति विरोधी चेहरा सामने आ गया है. राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव क्या कृष्णैया हत्याकांड के दोषसिद्ध अपराधी की इस तरह हुई रिहाई को सही ठहरायेंगे?
सुशील मोदी ने उठाया सवाल
बीजेपी नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने भ्रष्टचार और अपराध के गंभीर मामलों में दंडित लालू प्रसाद जैसे नेताओं को राहत देने वाला विधेयक फाड़ डाला था, लेकिन जब एक अनुसूचित जाति अधिकारी की हत्या के मामले में बिहार सरकार कानून को कमजोर कर रही है, तब वे क्यों चुप्पी साध गए? यदि मारा जाने वाला अधिकारी अनुसूचित नहीं होता, तो क्या अपराधियों को ऐसे छोड़ा गया होता? उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में यदि आईएएस एसोसिएशन की बिहार इकाई सरकार के डर से चुप रहती है, तो प्रशासनिक सेवा का इतिहास उसे माफ नहीं करेगा.
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