पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने मुख्यमंत्री की 'समाधान यात्रा' (Samadhan Yatra) पर तंज कसते हुए पूछा है कि चंपारण की धरती पर पांव रखते ही जंगल सफारी का भ्रमण कर किस समस्या का समाधान किया गया? वर्षों से वहां बन रहे कन्वेशन सेंटर का आधा-अधूरा निर्माण कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को आईना दिखाने जैसा लगा होगा. राजा महाराजा की तरह इस सर्दी के मौसम में नृत्य कार्यक्रम का आयोजन करना क्या लोकशाही का अपमान नहीं है?


'प्रायोजित स्थल पर ही अधिकारी ले जाते हैं'


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पदाधिकारियों के साथ सज-धजकर पहुंचने पर अधिकारी प्रायोजित स्थल पर ही ले जाते हैं, जिससें उन्हें सब हरा भरा ही दिख सके. छात्राओं को जबरन ठंड में लाइन में लगावाकर सब अच्छा दिखानें की कोशिश की गई. दरुआबारी गाँव में प्रभारी मंत्री ललित यादव मुख्यमंत्री के अगवानी के लिए खडे़ थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उपेक्षा कर न तो कोई विमर्श किया और न हीं उनसें कोई फीडबैक लिया. वहां जदयू कोटे के दो मंत्री से विमर्श करते नजर आएं. आगे उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली और हर घर नल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण 80 से 85 प्रतिशत लोकधन का अपव्यय हुआ है. क्या मुख्यमंत्री इन योजनाओं में व्याप्त 35 प्रतिशत कमीशन का वायरल वीडियो की सत्यता को जानना चाहेंगे.


मुख्यमंत्री को जनता से कोई मतलब नहीं- नेता प्रतिपक्ष 


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का हाव भाव और व्यवहार से वहां साबित हो रहा था कि राजा को अपनी प्रजा के दुखों से कोई मतलब नहीं है. इस यात्रा का उद्देश्य जनता की गाढ़ी कमाई को लूटाना, न्याय के साथ विकास को नकारना और राज्य में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, अपराध और बलात्कार की घटनाओं से मुंह छिपाना है.


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