JDU के तल्ख तेवर, 'पॉलिटिकल बयान देकर बांटना चाहती BJP, चाह रही बिहार में लाशें गिरें और UP में चुनाव जीतें'
Bihar Politics: जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि सरकार का स्टैंड क्लियर है. रामसूरत राय कैबिनेट में मंत्री हैं. उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. यह ठीक बात नहीं है.
पटनाः राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय (Ram Surat Rai) के एक बयान से ऐसा लग रहा है कि बिहार में जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP) में दो फाड़ हो गया है. जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर (Khalid Anwar) ने कहा कि बिहार में कोई बाहरी नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का क्लियर स्टैंड है कि बिहार में रहने वाले सभी 12 करोड़ लोग बिहारी हैं. कोई अंगुली उठाए, कोई नागरिकता पर सवाल खड़ा करे तो यह ठीक बात नहीं है.
बिहार कैबिनेट में मंत्री रामसूरत राय को लेकर खालिद अनवर ने कहा कि यहां घुसपैठिए रह रहे हैं तो इसका मतलब है कि पार्टी पॉलिटिकल बयान देकर बांटने की कोशिश कर रही है. यूपी का चुनाव बिहार में लड़ना चाहते हैं, अगर आप चाहते हैं कि यहां बिहार में लाशें गिरें और वहां आप जीतें तो ये बिहार में नहीं हो सकता, वह भी जबतक कि नीतीश कुमार यहां मुख्यमंत्री हैं. कहा कि यहां 12 करोड़ बिहारी एक हैं और उसके मुखिया नीतीश कुमार हैं. यहां सबको संरक्षण देना, सबको सुरक्षा देना नीतीश कुमार बहुत अच्छे तरीके से जानते हैं.
लोगों को बांटने और डराने की कोशिश
खालिद अनवर ने कहा कि सरकार का स्टैंड क्लियर है. रामसूरत राय कैबिनेट में मंत्री हैं. उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. अगर उन्हें इस तरह का बयान देकर पॉलिटिकल लाइन पर समाज को बांटना है तो उन्हें कैबिनेट से अलग हो जाना चाहिए. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. क्योंकि ये बिल्कुल भी सही नहीं है कि आप जिस सरकार का हिस्सा हैं और उसके स्टैंड से अलग आप लोगों को बांटने और डराने की कोशिश करें. हाईकोर्ट में कई बार इस तरह की अपील की गई अगर हाईकोर्ट किसी को निर्देश देता है जांच के लिए तो जांच करे. जांच से किसी को एतराज नहीं है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करें स्पष्टः कांग्रेस
वहीं, इस मामले में कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा कहा कि जब बिहार में घुसपैठी हैं और वो सरकार की नजर में है तो आप ना शिर्फ किशनगंज बल्कि पूरे राज्य में इसकी जांच होनी चाहिए. बिहार में कौन से लोग कहां से आए और यहां क्यों रह रहे हैं, उनका यहां वोटर लिस्ट में नाम है या नहीं, इसलिए जांच करने में कोई बुराई नहीं है. सिर्फ किशनगंज को अगर टारगेट किया जा रहा है तो इसमें राजनीति हो रही है. ये राजनीति सरकार में बैठे वो लोग कर रहे हैं जो बीजेपी से सीधे तौर पर जुड़े हैं. उस इलाके से बीजेपी के उपमुख्यमंत्री भी हैं. बीजेपी के मंत्री का जिस तरह से लगातार बयान आ रहा है वो बयान क्या नीतीश कुमार की सहमति से आ रहा है या वो अपने एजेंडा के तहत दे रहे हैं? इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए. मुख्यमंत्री को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
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