पटना: नगर निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav) स्थगित होने के बाद बिहार में सियासत गरमाई हुई है. गुरुवार को जेडीयू (JDU) की ओर से पटना सहित पूरे बिहार के जिला मुख्यालय पर बीजेपी (BJP) का आरक्षण विरोधी पोल खोल के तहत धरना का कार्यक्रम किया जा रहा. अब बीजेपी जेडीयू के पोल खोलने के लिए मैदान में 17 अक्टूबर को उतरने वाली है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल  (Sanjay Jaiswal) ने एलान किया है. कहा कि पटना सहित पूरे बिहार के जिला मुख्यालय पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की चालाकियों की पोल खोलेंगे.


मुख्यमंत्री अभी तक नहीं पहुंच पाए कोर्ट


उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज में जा जाकर लोगों को बताएंगे कि बिहार सरकार ने किस चालाकी के तहत अति पिछड़ों का आरक्षण खत्म किया है. संजय जायसवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बोले थे कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. 10 तारीख को ही कोर्ट खुल गया आज 13 तारीख हो गया और वह अभी तक कोर्ट नहीं गए. बिहार सरकार नहीं चाहती है कि आयोग का गठन हो. एक साजिश के तहत सरकार काम कर रही है ताकि नगर विकास की राशि मंत्रियों के पास रहे और मंत्री एवं अधिकारी मिलकर इसका बंदरबांट कर सकें. 17 तारीख को बीजेपी उनके सारे कारनामों का जनता के सामने पोल खोलेगी.


बीजेपी की सरकार में लागू हुए हैं सभी आरक्षण


संजय जायसवाल ने कहा कि बीजेपी पुराने समय से आरक्षण का समर्थक रही है. जितने भी आरक्षण बिहार में या केंद्र में लागू हुए हैं उन सभी समय में बीजेपी सरकार में थी. 1975 में कर्पूरी ठाकुर की सरकार थी उस समय जनसंघ था और कैलाशपति मिश्र सहित कई नेता कर्पूरी ठाकुर के मंत्रिमंडल में शामिल थे. उस वक्त अनुसूचित जाति को आरक्षण दिया गया था जिसमें स्वर्ण महिलाओं को भी तीन प्रतिशत आरक्षण मिला. केंद्र में 1977 में मोरारजी देसाई के सरकार में या कर्पूरी ठाकुर के साथ सरकार में रहकर या 1980 के बाद सरकार से बाहर रहकर हमने लगातार गरीब, कमजोर और पिछड़े समाज के हकों को लेकर उनका साथ दिया है.


नीतीश सरकार पर अवमानना की करेंगे मांग


साल 1989 में देश में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने सहित बिहार में 2006 के बाद से आरक्षण के जो प्राविधान हैं उनके पक्ष में सहमति बनाने और लागू कराने में बीजेपी की भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि आज बिहार के उच्च न्यायालय ने नीतीश कुमार के वास्तविक चरित्र को सबके सामने नंगा कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में नगर निकायों के चुनावों में नियमावलियों का प्रावधान किया और कोई राज्य उन नियमों की अवहेलना नहीं कर सकता है. उच्च अदालत का फैसला सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों के आलोक में ही आया है. वे बीजेपी को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे. यह दृष्टता है और हम कोर्ट से मांग करेंगे कि इस पूरे मसले परस्वत संज्ञान ले और नीतीश सरकार को अवमानना के लिए दोषी करार करे.


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