बिहार: चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही बीजेपी, ये है पार्टी का मुख्य 'चुनावी हथियार'
बीजेपी के बड़े नेता भी कोरोना महामारी के बीच होने वाले इस पहले चुनाव के महत्व को समझकर चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं.
पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव मैदान में सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी चक्रव्यूह की रचना करने में जुटे हैं. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ना केवल विरोधियों के लिए चक्रव्यूह रचना में जुटी है बल्कि विरोधियों द्वारा रचे गए 'चुनावी चक्रव्यूह' को तोड़ने के लिए सभी प्रकार के चुनावी हथियार भी तैयार कर लिए हैं.
बीजेपी के बड़े नेता भी कोरोना महामारी के बीच होने वाले इस पहले चुनाव के महत्व को समझकर चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. कहा भी जा रहा है कि यह चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है. इस चुनाव पर पूरे देश की निगाहें हैं. बीजेपी चुनाव प्रबंधन समितियां, चुनाव संचालन समिति से लेकर मतदान केंद्र स्तर तक समितियों का गठन कर चुकी है. प्रतिदिन प्रदेश मुख्यालय में मोर्चा व प्रकोष्ठों की बैठकें हो रही है और आगे की रणनीतियां बनाने में जुटी हैं.
बीजेपी ने इनकी सूची बना ली
बीजेपी ने मतदान केंद्र स्तर पर 'सप्तऋषि' और मंडल स्तर पर 'त्रिशक्ति' समेत हर घर तक संपर्क करने वाली टोलियों की भी सूची बना ली है. पार्टी के युवा व अनुभवी नेता और कार्यकर्ताओं की टीम को चुनाव प्रबंधन के सफल संचालन का दायित्व सौंप दिया गया है. बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा दो दिन पहले 'आत्मनिर्भर बिहार अभियान' की शुरूआत कर कई डिजिटल रथों को रवाना कर आम लोगों को बीजेपी से जोड़ने का मूलमंत्र देकर दिल्ली वापस हो चुके हैं. अपने बिहार दौरे के क्रम में कोर कमिटी की बैठक में नड्डा ने ना केवल अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनावी चक्रव्यूह की रचना का मूलमंत्र दिया है वहीं कार्यकर्ताओं में भी जोश भर दिया है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं, "आत्मनिर्भर बिहार अभियान राज्य को न सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रुप से मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. 'आत्मनिर्भर बिहार' एक राज्यव्यापी अभियान है, जिसके द्वारा पार्टी 2 करोड़ से अधिक घरों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचेगी." बीजेपी के नेताओं का मानना है कि पार्टी के इस अभियान का मकसद ना केवल लोगों के सुझाव जानना है बल्कि अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़ना है, जिसका लाभ चुनाव में उठाया जा सके.
विपक्ष स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सत्तापक्ष को घेरने को आतुर
इधर, विपक्ष कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सत्तापक्ष को घेरने को लेकर आतुर है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बीजेपी का 'थिंकटैंक' कोरोना राहत में हाथ बंटाने के साथ चुनाव को देखते हुए आक्रामक होने का निर्देश दिया है. इसके अलावा बीजेपी के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक को केंद्र और राज्य सरकार के विकास योजनाओं को घर-घर तक बताने का निर्देश दिया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों का उल्लेख करने को कहा गया है.
इस बीच, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नया नारा 'जन-जन की पुकार, आत्मनिर्भर बिहार', 'मोदी है तो मुमकिन है, बीजेपी है तो संभव है' का नारा देकर यह भी संकेत दे दिया है कि पार्टी विरोधियों के चक्रव्यूह तोड़ने के लिए सभी प्रकार के 'चुनावी हथियार' की तैयारी कर ली हो, लेकिन मुख्य हथियार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही होगा.
यह भी पढ़ें-
जल्द ही नए अवतार में नजर आएंगे बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय, जानें क्या है पूरा मामला