(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: राजगीर में लगने वाले मलमास मेले की जानिए खासियत, एक माह तक आसमान में नहीं दिखते हैं काले कौआ
Rajgir Malamas Mela: मलमास मेला की तैयारी राजगीर में जोरों पर चल रही है. इस मेले में पूरे देश से साधु-संत पहुंचते हैं. वहीं, इसको लेकर कई तरह की मान्यताएं भी हैं.
नालंदा: राजगीर में 18 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला (Malamas Mela) का आयोजन हो रहा है. मलमास मेला का आयोजन तीन साल पर किया जाता है. कहा जाता है कि मलमास के दौरान राजगीर के गर्म जल कुंड में स्नान करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं. मलमास मेले को लेकर बिहार सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. मलमास मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो, इसके लिए हर सुविधा मुहैया कराया जाता है. पिछले दिनों खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने लाव लश्कर के साथ राजगीर पहुंच कर लगने वाले मलमास मेले का स्थल का निरीक्षण किया. आला अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश भी दिए. वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा लगातार राजगीर में बैठक की जा रही है. वहीं, इस मेला को लेकर कौआ से जुड़ी भी एक कहानी है.
33 करोड़ देवी-देवता राजगीर पहुंचते हैं
कहा जाता है कि राजगीर में लगने वाले मलमास मेले का सबसे बड़ी खासियत यह है कि हिन्दू के 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर पहुंचते हैं और यहीं एक माह प्रवास करते हैं. मान्यता यह भी है कि लगने वाले मलमास मेला के समय देश में कहीं भी पूजा-पाठ और शादी समारोह और शुभ काम नहीं होता हैं. इस मलमास मेले में देश के कई हिस्सों से साधु संत भी यहां पहुंचते हैं, ऐसी मान्यता यह भी है कि मलमास मेले के ध्वजारोहण के समय मंत्र का जप करते समय पीले वस्त्र धारण किया जाता है. इससे लाभ प्राप्त होता है.
राजा वसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड में जो यज्ञ का आयोजन किए थे
सबसे बड़ी बात यह भी बताया जाता है कि राजगीर में जब से मलमास मेला का आज होता है. उसके बाद पूरे एक महीने तक राजगीर के आकाश में काले कौआ दिखाई नहीं देता है. बताया यह भी जाता है कि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र राजा वसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड में जो यज्ञ का आयोजन किए थे तो उसमें सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया था, लेकिन काले काग को निमंत्रण देना भूल गए थे, यही कारण है कि काले कौआ मलमास मेले के दौरान पूरे एक महीने राजगीर के आकाश में दिखाई नहीं देते हैं.
राजगीर को सज-धजकर तैयार किया जाता है
मलमास मेला के दौरान राजगीर को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है. मनोरंजन के लिए सर्कस के साथ थियेटर की भी व्यवस्था की जाती है. इस दौरान रातभर थियेटर और सर्कस में श्रद्धालु मनोरंजन करते हैं. कहा जाए तो मलमास मेले में पूजा पाठ के साथ-साथ एक महीना मनोरंजन के लिए तरह-तरह के झूला भी लगाया जाता है. मलमास मेले में आने वाले श्रद्धालु राजगीर के इन महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल का भी लुफ्त उठा सकते हैं.
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