रोहतास: परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हो? हौसलों से मंजिल पाई जा सकती है. इसी कहावत को सच कर दिखाया है बिहार के सासाराम के तकिया बाजार निवासी 21 साल के अंकित गुप्ता ने. अंकित का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर हुआ है.


12वीं तक गोरखपुर में  की पढ़ाई


बता दें कि 10 वर्ष की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद अंकित आगे की पढ़ाई के लिए अपने नाना के घर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चला गया था. चौथी क्लास से लेकर 12वीं तक उसने गोरखपुर में पढ़ाई की. फिर एक साल की तैयारी के बाद अंकित जेईई मेंस में चयनित हुआ.


परीक्षा में सफल होने के उपरांत अंकित का नामांकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हो गया. जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकित का चयन 'इसरो' के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में हुआ है.


परिवार के लोग हैं काफी खुश 


पिछले महीने के 24 दिसंबर को ही अंकित को इसरो से नियुक्ति प्रस्ताव मिला है. तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर अंकित हैं. इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयन होने पर परिवार के लोग काफी खुश हैं और अंकित के उज्जवल भविष्य की कामनाएं कर रहे हैं. बता दे कि अंकित के पिता अशोक गुप्ता का निधन तब हो गया था, जब अंकित चौथी कक्षा में पढ़ता था.


अपनी सफलता के बाद अंकित ने युवा पीढ़ी को ये संदेश दिया है कि वो अपनी रूचि ढूंढें कि उन्हें किस क्षेत्र में रूचि है. आज की तारीख में बहुत सारे ऑप्शन्स हैं. इसलिए आप अपने इंटरेस्ट के आधार पर आगे बढ़िए. एक बार आपने ऐसा किया तो समझिए आधा काम हो गया. इसके बाद केवल टाईमटेबल फॉलो करें. आपको सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा.


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