(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BPSC 65th Result 2021: बांका की बेटी चंदा भारती ने किया कमाल, दूसरी अटेम्प्ट में ही बनी BPSC की सेकेंड टॉपर
बीपीएससी में चंदा भारती का इस बार दूसरा प्रयास था, जिसमें वे सेकेंड टॉपर बनी हैं. पहले प्रयास में 64वीं बीपीएससी परीक्षा में उन्हें रेवेन्यू सर्विस मिला था. लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया है.
बांका: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने गुरुवार को 65वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है. इस परीक्षा में 422 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है. आयोग ने अपनी वेबसाइट पर रिजल्ट की सूचना जारी कर दी है. मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए 1142 प्रत्याशियों का चयन किया गया था. आयोग की ओर से कट ऑफ भी जारी कर दिया गया है. बीपीएससी 65वीं में गौरव सिंह ने टॉप किया है.
वहीं, मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर चंदा भारती और तीसरे स्थान पर वरुण कुमार हैं. सेकेंड टॉपर बनने वाली चंदा भारती बांका जिले के रजौन प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरौनी गांव निवासी विवेकानंद यादव की बेटी हैं. चंदा भारती ने बीपीएससी में सेकंड टॉपर बनकर अपने गांव सहित पूरे जिले का नाम रौशन किया है. चार भाई-बहनों में इकलौती बहन चंदा भारती की पढ़ाई लिखाई झारखंड से हुई है.
नगर निगम में हैं सहायक अभियंता
जानकारी के अनुसार बीपीएससी में चंदा भारती का इस बार दूसरा प्रयास था, जिसमें वे सेकेंड टॉपर बनी हैं. पहले प्रयास में 64वीं बीपीएससी परीक्षा में उन्हें रेवेन्यू सर्विस मिला था, लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है. वे वर्तमान में बिहार इंजीनियरिंग सर्विस में पास करने के बाद गया नगर निगम में सहायक अभियन्ता के पद पर पदस्थापित हैं.
बीआईटी से की है इंजीनियरिंग
चंदा भारती ने बताया कि झारखंड के पाकुड़ जिला स्थित डीएवी स्कूल से उन्होंने दसवीं की पढ़ाई 2010 में पूरी की तथा डीपीएस बोकारो से उन्होंने 2012 में 12वीं उतीर्ण होने के बाद बीआईटी सिंदरी से 2017 में इंजीनियरिंग पास की है. उनके तीन भाई हैं, तीनों इंजीनियर हैं. पिता विवेकानंद यादव झारखंड के गढ़वा में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं. उनकी माता कुंदन कुमारी पाकुड़ में सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत है.
पैतृक गांव में हर्ष का माहौल
चंदा भारती की इस कामयाबी के बाद उनके पैतृक गांव में भी हर्षोल्लास का वातावरण है. चंदा भारती ने बताया कि अपने पैतृक गांव परिजनों के साथ प्रायः आना-जाना होता है.
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