आराः 65वीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के मेंस का परिणाम आ चुका है. इसमें भोजपुर जिले के बैसाडीह के रहने वाले विजय शंकर उपाध्याय के बेटे इंजीनियर अविनाश कुमार ने भी सफलता हासिल की है, लेकिन वह इस सफलता को देखने के पहले ही धरती छोड़ चुका है. 24 जून को कोरोना ने अविनाश की जिंदगी छीन ली. वह परीक्षा में तो पास हो गया लेकिन जिंदगी की जंग हार गया.
अविनाश ने भोपाल टीआईटी से इलेक्ट्रॉनिक कम कम्युनिकेशन से बीटेक किया था. इंजीनियरिंग की फाइनल परीक्षा में स्टेट में सेकंड टॉपर बना. बीते बुधवार को बीपीएससी की ओर से 65वीं मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया जिसमें वह पास भी हो गया. वहीं, घटना के बाद से अब परिजन शोक में हैं.
दिल्ली के मुखर्जी नगर में हुआ था संक्रमित
अविनाश की उम्र महज 30 साल थी. पढ़ाई के समय ही अच्छी नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन उसे स्वीकार न कर यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली चला गया. मुखर्जी नगर में रहते हुए ही कोरोना से संक्रमित हो गया था. लगभग एक-डेढ़ महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद अविनाश की मौत हो गई.
अविनाश के चाचा नीलेश उपाध्याय ने बताया कि अविनाश बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज था. कैंपस सेलेक्शन में अच्छा पैकेज मिलने के बावजूद उसने नौकरी का त्याग कर दिया था. फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. बीपीएससी मेंस में बाजी मारने के बावजूद भी अविनाश अपने सपने को पूरा नहीं कर सका.
बता दें कि बुधवार को बीपीएससी ने 65वीं मेंस का रिजल्ट जारी कर दिया है. बीपीएससी 65वीं मेंस में इसबार 1142 अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. इंटरव्यू के बाद फाइनल रिजल्ट जारी किया जाएगा. 14 विभागों में करीब 400 से अधिक पदों पर नियुक्ति होने वाली है. इसमें सबसे अधिक ग्रामीण विकास विभाग में 110 पद, डीएसपी के 62, बिहार शिक्षा सेवा के 72 पद निर्धारित है.
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