Bihar News: पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव बुधवार (25 दिसंबर) को पटना के गर्दनीबाग में 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे अभ्यर्थियों से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि ये गाली और लाठी भूलना नहीं है. एसपी-डीएसपी बने तब इन लाठी-ठाठी वालों को याद रखना.


पप्पू यादव ने कहा, "मैं इस लाठीचार्ज की घोर निंदा करता हूं और न्यायिक जांच की मांग करता हूं. बीपीएससी परीक्षा की धांधली की हाईकोर्ट की बेंच से जांच हो, जब तक हाईकोर्ट की जांच चलती है तब तक एग्जाम न करवाया जाए."


पप्पू यादव ने आगे कहा कि जब-जब लाठी चलेगी. हम मरने के लिए इनके (अभ्यर्थियों) साथ खड़े हैं. शारीरिक और वैचारिक रूप से हम बच्चों के साथ हैं. इनकी भावनाओं के साथ हैं. इनके अनूकूल हैं. वहीं उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "जब-जब छात्रों पर लाठी-गोली चलेगी पप्पू यादव उनके लिए सर्वस्व न्योछावर कर लड़ेगा. हर कीमत पर छात्रों की भावनाओं के साथ हैं बीपीएससी की परीक्षा कैंसिल कर दोबारा एग्जाम हो." 


'लाठियों से ऐसा प्रहार, नाक़ाबिले बर्दाश्त है'


इससे पहले पूर्णिया सांसद ने बुधवार को ही एक्स पर लिखा, "आखिर बीपीएससी अभ्यर्थियों से बिहार सरकार को ऐसी क्या दुश्मनी है? उनके साथ आतंकवादियों, क्रूर अपराधियों सा व्यवहार क्यों? अपने लिए न्याय मांगने वालों पर लाठियों से ऐसा प्रहार, यह नाकाबिले बर्दाश्त है, ऐसी हुकूमत काजड़ मूल से सर्वनाश के संकल्प के साथ आज रात फिर धरना पर बैठेंगे." इसके बाद वे बुधवार की रात बीपीएससी अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे भी थे.



एक जनवरी को बिहार बंद का ऐलान


बता दें कि पटना में बुधवार को अभ्यर्थी बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया. घटना को लेकर पूर्णिया में एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान पप्पू यादव ने एक जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया. हालांकि उनके बंद का अभी अन्य विपक्षी पार्टियों ने समर्थन नहीं किया है. ऐसे में पप्पू यादव का एक जनवरी को बिहार बंद कितना सफल हो पाता है ये देखने वाली बात होगी.


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