पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ने 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर नई शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. विज्ञापन के तहत परीक्षा के आवेदन की तिथि, परीक्षा की तारीख के साथ सभी नियमावली भी जारी किए गए हैं. विज्ञापन जारी होने के बाद वैसे शिक्षक संगठन जो नियोजित शिक्षकों को नियमित सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग के लिए कई सालों से आंदोलन करते आ रहे थे वे काफी गुस्से में दिखे.


माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा-सालों पुरानी है नियमित करने की मांग 


माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग ने मिलकर जो परीक्षा लेने का जो निर्णय लिया है वह पूरी तरह गलत है. 4 लाख नियोजित शिक्षकों को नियमित करने की मांग कई सालों से उठाई गई है, लेकिन उस पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया, इसलिए इस विज्ञापन का हम लोग विरोध करते हैं.


माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव और सीपीआईएमएल से पूर्व सांसद रहे शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि देखते जाइए 19 जून को जब हाईकोर्ट खुलेगा तो इस विज्ञापन पर जल्द ही विराम लग जाएगा. हम लोग शिक्षा विभाग और बीपीएससी के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि कोर्ट इस पर निर्णय लेगा. उन्होंने कहा कि लगभग एक दर्जन शिक्षकों द्वारा कोर्ट में अपील दायर की गई. बीपीएससी ने जो  विज्ञापन जारी किया है उसमें कई सारी त्रुटियां हैं. सबसे पहली बात है कि उसमें कंडिका आठ का कोई जिक्र नहीं है, जबकि कंडिका आठ के अनुसार जो अभ्यर्थी हैं वह पहले से किस पद पर हैं और उन्हें क्या प्रिफ्रेंस दिया गया है या देना पड़ता है, लेकिन बीपीएससी ने कुछ भी नहीं लिखा है. 


3 मई से पूरे राज्य में प्रखंड स्तर पर आंदोलन होगा


उन्होंने कहा कि 3 मई से पूरे राज्य के प्रखंड स्तर पर इसके विरोध में आंदोलन होगा और गांव-गांव जाकर लोगों को जगाने का काम करेंगे. सरकार की दोहरी नीति को हम लोग बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जुलाई में मानसून सत्र का हम लोग विरोध करेंगे और चार लाख से ज्यादा शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे.


विधायक ने पूछा -8000 पदों का मांगा हिसाब


शिक्षक बहाली के विज्ञापन पर महागठबंधन में शामिल सीपीआई के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने भी जमकर विरोध किया है. संदीप सौरभ ने कहा कि हम लोग पहले से ही नियोजित शिक्षकों की ओर से मांग करते आ रहे हैं कि पहले जो नियोजित शिक्षक हैं जो 15-20 सालों से कार्यरत हैं उनको पहले नियमित करें और राज्य कर्मी का दर्जा दें, लेकिन सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए कुछ नहीं किया और नई बहाली कर रही है. हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को उम्र में छूट दी है यह कुछ ठीक है परंतु सभी नियोजित शिक्षक परीक्षा नहीं दे सकते हैं. इसलिए सरकार को पहले सभी नियोजित शिक्षकों को नियमित करना चाहिए और उसके बाद बहाली करना चाहिए था. हम लोग पहले भी इसका विरोध किए हैं और आगे भी सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे.


उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 8 की बहाली नहीं की जा रही है, आखिर बताना चाहिए कि बहाली क्यों नहीं हो रही है. शिक्षकों का प्रमोशन कई साल से रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि कैबिनेट में 178000 पद सृजन किए गए थे तो बीपीएससी 170000 के पद पर क्यों परीक्षा ले रही है. 8000 पद कहां चले गए. ऐसे कई सवाल है जिसकी मांग हम लोग विधानसभा में उठाएंगे.


उन्होंने कहा कि जो लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं उनका मैं स्वागत करता हूं. हम भी चाहते हैं कि कोर्ट इस बहाली पर हस्तक्षेप करें और रोक लगाएं, ताकि उन्हें वैसे नियोजित शिक्षक जो नियमित होने की आशा में अपना आधी उम्र गंवा चुके हैं उन्हें इंसाफ मिले और उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए.


 बीजेपी ने भी किया विरोध 


विज्ञापन जारी होने पर बीजेपी भी सरकार का जमकर विरोध किया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि यह विज्ञापन नियोजित शिक्षकों के लिए नाइंसाफी वाली बात है, जो लगातार 15 से 20 सालों से शिक्षक बने हुए हैं लेकिन उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं दिया गया और उन लोगों को छोड़कर नई बहाली की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी शिक्षकों के के आंदोलन में हमेशा साथ खड़ा रहेगी.


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