पटना: BPSC-PT के प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. शक्ति कुमार ने ही सबसे पहले मोबाइल एप के माध्यम से प्रश्न पत्र स्कैन कर व्हाट्सएप के माध्यम से कपिलदेव को भेजा था. इसके बाद प्रश्न पत्र वायरल हो गया था.
गया जिले के डेल्हा थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी के रहने वाले शक्ति कुमार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने डॉक्युमेंट स्कैनर मोबाइल एप की मदद से 67वीं BPSC-PT के 'C' सेट प्रश्न पत्र को सबसे पहले कपिलदेव नामक व्यक्ति को दिया था. इसे बाद प्रश्न पत्र वायरल हो गया. शक्ति कुमार ने यह भी कहा कि साल 2010 मे गया जिला अंतर्गत डेल्हा में किराए के भवन में उसने राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज शुरू किया था. इस कॉलेज का प्रिंंसिपल वह खुद है. 2011 में कॉलेज को मान्यता मिली थी, लेकिन 2018 में मान्यता खत्म कर दी गई थी. इसके बाद भी पिछले चार सालों से यहां पर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे थे. आठ मार्च 2022 को BPSC-PT की परीक्षा के लिए इस कॉलेज को केंद्र बनाया गया था. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम ने कॉलेज में छापेमारी कर कई सामान जब्त की है.
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8 मार्च 2022 को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था प्रश्न पत्र
बता दें कि BPSC-PT का प्रश्न पत्र आठ मार्च को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने परीक्षा रद कर दी थी. दरअसल, दोपहर में परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही प्रश्न पत्रों का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. बीपीएससी के सचिव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले की जांच के लिए तीन समेति कमेटी का गठन किया था. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी थी.
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