BPSC Paper Leak: सीतामढ़ी में हुई बीपीएससी पेपर लीक की 'डील'? IAS अधिकारी को लेकर अब लगा ये गंभीर आरोप
12 दिन बीत जाने के बाद फिलहाल यह बात सामने नहीं आ सकी है कि पेपर लीक की शुरुआत कहां से हुई है. अब जांच को सीतामढ़ी की ओर बढ़ाए जाने की गुहार लगाई जा रही है.
पटनाः बीपीएससी पेपर लीक मामले में ईओयू की जांच जारी है. 12 दिन बीत जाने के बाद फिलहाल यह बात सामने नहीं आ सकी है कि पेपर लीक की शुरुआत कहां से हुई है. ईओयू इसकी जांच कर रही है इस बीच इसके तार सीतामढ़ी से जुड़े होने का भी दावा किया जा रहा है. सीतामढ़ी के सीनियर एडवोकेट जेपी आंदोलन से जुड़े रहे विमल शुक्ला ने इसकी संभावना जताई है. उन्होंने कहा कि जब रंजीत कुमार सिंह सीतामढ़ी के डीएम थे तो उस समय भी उनके खिलाफ घोटालों को लेकर उन्होंने आवाज उठाई थी और उस पर कार्रवाई भी हुई जिसके सबूत उनके पास हैं.
ऐसे में विमल शुक्ला ने पुराने मामलों को देखते हुए संभावना जताई कि बीपीएससी पेपर लीक का मामला सीतामढ़ी से जुड़ा हुआ हो सकता है. विमल शुक्ला ने कहा कि इस बात की चर्चा है कि पेपर लीक मामले के दिन आईएएस डॉ. रंजीत कुमार सिंह आनन-फानन में सीतामढ़ी आए थे. उन्होंने अपने करीबी मित्र डॉ. अरुण कुमार से मुलाकात की थी. कुछ घंटे रहने के बाद वहां से निकले और रुन्नीसैदपुर में जाकर रुके थे.
ईओयू से गुहार- सीतामढ़ी तक हो जांच दायरा
विमल शुक्ला ने बताया कि पूरे सीतामढ़ी में या चर्चा है कि डॉ. वरुण के सहयोग से आईएएस डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने सीतामढ़ी के अभ्यर्थियों से एक करोड़ में डील की थी. परीक्षा रद्द होने के बाद उसी दिन डॉक्टर रंजीत सीतामढ़ी पहुंचे थे. वहां एक अभ्यर्थी को 30 लाख रुपये वापस भी किए गए है. उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण नहीं है लेकिन आर्थिक अपराध इकाई से गुहार लगाते हुए कहा कि इसकी जांच का दायरा बढ़ाया जाए और सीतामढ़ी में उनके जो सहयोगी हैं डॉक्टर वरुण कुमार उनसे पूछताछ हो.
कौन है डॉक्टर वरुण?
विमल शुक्ला ने कहा कि आईएएस रंजीत कुमार सिंह के डीएम रहते सीतामढ़ी के डॉ. वरुण से उनकी काफी मित्रता हुई थी. डॉ. वरुण के दो नंबर काम में डीएम रंजीत सहयोग करते थे. विमल शुक्ला ने बताया कि डॉ. वरुण को 2019 में पार्लियामेंट के चुनाव के लिए सीतामढ़ी से जेडीयू का टिकट दिया गया था जिस पर वहां के लोगों ने आरोप लगाया था कि यह फर्जी डिग्री से डॉक्टर बना हुआ है. आरोप यह भी लगा था कि डॉ. वरुण को टिकट दिलाने में आईएएस रंजीत का बहुत बड़ा सहयोग है. हंगामा होने पर उनका टिकट कट गया था और सुनील कुमार पिंटू को टिकट दिया गया था.
इस गंभीर आरोप को लेकर एबीपी न्यूज ने आईएएस अधिकारी को कई बार कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. इस खबर से संबंधित मैसेज को देखकर उन्होंने नजरअंदाज कर दिया. हालांकि उनका पक्ष अगर इस मामले पर आता है तो एबीपी न्यूज उनकी बातों को भी रखेगा कि उन पर लगा आरोप ये कितना सही है.
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