भागलपुरः बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा पर्चा लीक मामले में रविवार को ईओयू की ओर से चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद भागलपुर भी सुर्खियों में आ गया है. वो इसलिए कि इस संगीन मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जिन 4 लोगों की गिरफ्तारी की है उसमें गिरोह का एक सदस्य राजेश कुमार है जो भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड अंतर्गत सजौर थाना इलाके के जगन्नाथपुर का रहने वाला है. वह बीते दो वर्षों से पटना सचिवालय में लिपिक के पद पर कार्यरत था.


गांव से लेकर शहर तक करोड़ों की संपत्ति


इसके बारे में पूरी कहानी जानकर आप चौंक गए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. राजेश का पिता अर्जुन सिंह गांव का दबंग है और उस पर हत्या का भी आरोप है. दबंगई और ठगी के बल पर इनके पास गांव से लेकर शहर तक करोड़ों की संपत्ति है. अर्जुन सिंह के तीन पुत्रों में राजेश सबसे बड़ा है. दो भाई छोटी मोटी नौकरी करते हैं. राजेश की गिरफ्तारी के बाद से गांव के लोग जगह-जगह गोलबंद होकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं, लेकिन परिवार की दबंगई ऐसी कि कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.


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गांव में भी लोगों से ठगी करता था राजेश


ग्रामीणों की मानें तो राजेश गांव में भी लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का काम करता था. बीते 5-6 वर्ष पूर्व बैंकिंग परीक्षा में भी सेटिंग के दौरान पेपर इधर-उधर करने का उस पर आरोप लगा था, लेकिन उक्त मामले में वह बच निकला था. कई ग्रामीणों ने सचिवालय में नौकरी लगने पर भी तरह-तरह के सवाल खड़े किए हैं. जगन्नाथपुर के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अर्जुन सिंह का परिवार गांव में कम ज्यादातर शहर में ही रहता है. गांव के एक बुजुर्ग ने राजेश की गिरफ्तारी के बाद कहा कि गलत काम गलत ही होता है. आज हमारे गांव पर कलंक का टीका लग गया. यह सबके लिए दुख की बात है.


(इनपुट- भागलपुर से अमरेंद्र तिवारी की रिपोर्ट)


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