पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) बीएड अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरे हैं. बुधवार (13 सितंबर) को बयान जारी करते हुए उन्होंने नीतीश सरकार (Nitish Government) से बड़ी मांग कर दी. कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में बीएड वाले अभ्यर्थियों का परिणाम लंबित रखने का निर्णय सरकार की मनमानी को दर्शाता है. लाखों बीएड अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए हैं. आवेदन और परीक्षा में बैठने तक कुछ नहीं कहा गया, लेकिन परीक्षा हो जाने के बाद न्यायालय के नाम पर परिणाम रोका जा रहा है. यह अनुचित एवं भेदभावपूर्ण निर्णय है.


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बीएड वाले अभ्यर्थियों का परिणाम जारी कर सरकार उन्हें मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पद पर नियुक्ति कर सकती है. उन्हें इन विद्यालयों में नियुक्त करने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन सरकार उन विद्यालयों के लिए दूसरे-तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा पर अड़ी है. सरकार शिक्षक भर्ती रोकने का बहाना ढूंढ रही है.


मुआवजा देकर हो भरपाई: विजय सिन्हा


नेता प्रतिपक्ष ने आगे यह भी कहा कि शिक्षा विभाग के बजट में राशि का प्रावधान नहीं किया गया है. शिक्षक भर्ती को वर्षों से लटका कर सरकार ने अपनी मंशा पूर्व में ही स्पष्ट कर दी है. लोकसभा चुनाव को देख कर आनन-फानन में शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू की है. 15 वर्षों में इन्हें कभी याद नहीं आया. सरकार की गलत नीतियों के कारण लगभग 4 लाख अभ्यर्थियों को आर्थिक नुकसान होने जा रहा है. इन्हें मुआवजा देकर इनके नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.


'नौटंकी को देख रही है राज्य की जनता'


विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए भी राज्यकर्मी का दर्जा पर झूठा आश्वासन दिया है. उसे कार्यान्वित करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. शिक्षकों को निराश करना सरकार की नियति बन गई है. पहले लाठीचार्ज कर उन्हें पिटवाती है फिर मरहम लगाने का नाटक करती है. शिक्षा विभाग की अराजकता किसी से छिपी नहीं है. बहाली के नाम पर इनकी नौटंकी राज्य की जनता देख रही है. समय आने पर इन्हें सबक सिखाएगी.


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