BPSC Teachers May Lose Their Jobs In Gopalganj: बिहार लोक सेवा आयोग बीपीएससी के टीआरइ-1 और टीआरइ- 2 में बहाल होकर जिले में कार्यरत तेरह शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकने लगी है. ये सभी शिक्षक बिहार से बाहर के निवासी हैं और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटेट में इनका मार्क्स 60 प्रतिशत से कम है. जबकि शिक्षक बहाली नियमावली के अनुसार बिहार राज्य से बाहर की महिला अभ्यर्थियों को सीटीइटी में कम से कम 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य किया गया था. लेकिन कुछ महिला अभ्यर्थियों ने इससे कम मार्क्स के बावजूद भी नौकरी पा ली.
कुल 13 शिक्षिकाओं पर चल रही कार्रवाई
शिक्षा विभाग मुख्यालय के आदेश पर शुरु हुई जांच में तेरह शिक्षिकाओं का नाम सामने आया. उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है, लेकिन स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो कार्रवाई शुरु कर दी गई. सीटीइटी में 60 प्रतिशत से कम मार्क्स के मामले में पहले भी नौ शिक्षिकाओं को चिह्नित किया गया था, जिन पर कार्रवाई चल रही है. इनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. स्थापना के डीपीओ मो. जमालुद्दीन ने बताया कि विभाग के आदेशानुसार सभी प्रखंड में जांच कराई गई, जिसमें अभी तक तेरह शिक्षिकाओं का नाम आया है. जिन शिक्षिकाओं का नाम आया है, उनके विरूद्ध कार्रवाई शुरु कर दिया गया है.
कार्रवाई में इन शिक्षकों के नाम हैं शामिल
इनमें मांझा प्रखंड के मध्य विद्यालय भैसहीं के मनीष शर्मा, कुचायकोट प्रखंड के मध्य विद्यालय जलालपुर की पूनम निषाद, भोरे प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुशहा की रंजना कुशवाहा, बैकुंठपुर प्रखंड की नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सिंहासन बैठा के टोला की राजनंदनी पासवान, कटेया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलही डीह की आयशा परवीन तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमही बांके की वीनीता कुमारी, सिधवलिया प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मौजे सुपौली की कुमारी अंकिता कुशवाहा, हथुआ प्रखंड के उत्क्रमित विद्यालय के एकडंगा की रंजना तथा ऊंचकागांव प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कैथवलिया की प्रियंका राय शामिल हैं.
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