Bihar News: '17 महीने में 4 लाख से अधिक नौकरी दी... पेपर लीक नहीं हुआ', BPSC TRE 3 पर तेजस्वी का नीतीश कुमार पर हमला
BPSC Paper Leak News Today: BPSC TRE-3 का 15 मार्च को परीक्षा आयोजित की गई थी. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीपीएससी टीआरई-3 में कथित पेपर लीक को लेकर प्रदेश की NDA सरकार पर जोरदार हमला बोला.
BPSC Paper Leak 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले सियास गलियारों में हलचल बढ़ गई है. सियासी दलों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपर तेज कर दिया है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीपीएससी परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा.
आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रदेश की जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की अगुवाई वाली नीतीश कुमार सरकार से सवाल करते हुए कहा, "बिहार में तीसरे चरण की बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक के कारण 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है. आखिर ऐसा क्यों हुआ?" आरजेडी-जेडीयू गठबंधन की तत्कालीन प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा, "हमने 17 महीनों में चार लाख से अधिक नौकरियां दी, कभी भी किसी नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ."
एनडीए पर तेजस्वी ने लगाए गंभीर आरोप
जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "हमने (पूर्व आरजेडी-जेडीयू गठबंधन वाली सरकार) सिर्फ 70 दिनों में दो चरण में दो लाख से अधिक शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की, इस दौरान शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में 17 लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली." उन्होंने कहा कि ये सभी नियुक्तियां निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई.
नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अब ऐसी कौन सी ताकत और तत्व बिहार सरकार में है, जिसके कारण तीसरे चरण की नियुक्ति में लाखों परिक्षार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? उन्होंने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि तीसरे चरण में भी एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का नीतिगत निर्णय हमारे कार्यकाल में हमने कराया था. अब ये एनडीए सरकार इसे लटका, अटका और भटका क्यों रही है.
बीपीएससी टीआरई-3 परीक्षा पेपर लीक का शक?
बता दें, बीते 15 मार्च को बीपीएससी टीआरई-3 परीक्षा का आयोजन किया गया था. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, हजारीबाग पुलिस ने लगभग दो सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों को शक होने पर पूछताछ के लिए रोक लिया. पुलिस को इसके लिए विश्वस्त सूत्र से सूचना मिली थी और सभी को हिरासत में ले लिया गया. बताया जा रहा कि इनमें से किसी भी अभ्यर्थी के पास उनका मोबाइल फोन था, फिलहाल इस मामले में आलाअधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं और पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.
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