रोहतास: कोरोना काल ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन की वजह से नौकरी छूटने पर कई लोगों को अपने गांव वापस लौटना पड़ा है. गांव लौटने के बाद वे अलग-अलग काम में जुट कर अपनी आजीविका चला रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के रोहतास के हुरका में ब्रजेश कुमार जो पहले भोजपुरी फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया करते थे, खरबूजे की खेती में किस्मत आजमा कर तीन गुणा मुनाफा कमाने का दावा कर रहे हैं.


दरसअल, लॉकडाउन में भोजपुरी इंडस्ट्री में काम ठप पड़ने के बाद ब्रजेश ने खुद को आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस किया. ऐसे में उन्होंने गांव लौट कर खेती करना मुनासिब समझा. उन्होंने आधुनिक तकनीक अपनाई और गांव में बंजर पड़े 2 एकड़ की जमीन में खरबूजे की खेती शुरू कर दी.



ठंड के मौसम में वे 'लो-टनल' अर्थात 'अर्ध-सुरंग' विधि से खरबूजे की खेती कर रहे हैं. बताया जाता है कि जैसे ही गर्मी की शुरुआत होगी, फल तैयार होकर बाजार में आ जाएगा. ऐसे में जब तक सामान्य किसान इसे उपजाने की सोचेंगे, आगाथ फसल के रूप में यह मंडी तक पहुंच जाएगा, जिससे 3 गुना से अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है.


बता दें कि हुरका में ज्यादातर लोग धान और गेहूं की फसल उपजाते हैं, जिसे बाजार भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में लो टनल फार्मिंग विधि से खरबूजे की खेती मुनाफा देने वाली है. वहीं, मॉडर्न टेक्नोलॉजी के माध्यम से ड्रिप इरिगेशन किया जा रहा है. ताकि कम पानी में अधिक से अधिक सिंचाई हो सके. पूरे खेत में पाइप लाइन बिछाई गई है, जिससे कि पौधों को पानी मिल सके.


मिली जानकारी अनुसार 2 एकड़ की खेती में डेढ़ लाख रुपए की लागत से फसल तैयार किया जा रहा है, जो 6 लाख का मुनाफा देगा. सबसे बड़ी बात है कि बिहार के आसपास के जिले में ही इसकी खपत हो जाएगी.


इस संबंध में ब्रजेश बताते हैं कि उन्होंने हरियाणा से खरबूजे का बीज मंगवाया है और हरियाणा जाकर एक परिचित के यहां 'सुरंग-विधि' से खेती करने की तकनीकी जानकारी भी प्राप्त की है. इस तकनीक में पौधों को सामान्य तापमान से बचाने के लिए विशेष रूप से प्लास्टिक कवर किया जाता है.


आज ब्रजेश की किसानों के लिए प्रेरणा बनकर उभर रहे हैं. कोरोना काल और लॉकडाउन के दौर में जिस तरह से युवा बृजेश ने हिम्मत दिखाई है. यह आने वाले समय में अन्य युवाओं को भी गांव लौटने के लिए प्रेरित करेगी.