आरा: बिहार के भोजपुर जिले के कोईलवर में चल रहे अवैध बालू खनन को रोकने के लिए भोजपुर जिला प्रशासन ने नया तरीका ढूंढ निकाला है. इस नए तरीके से नाव अब पुराने कोईलवर अब्दुल बारी पुल को पार कर सोन नदी के दक्षिण क्षेत्र में खनन के लिए नहीं जा सकेंगे. जिला प्रशासन के इस प्रयास से अवैध खनन पर रोक लगने की संभवना जताई जा रही है.
जब्त किए गए नावों से बनाई बैरिकेडिंग
जिला प्रशासन पुराने अब्दुल बारी पुल के दो पिलरों के बीच जब्त किए गए नावों से एक बैरिकेडिंग तैयार कर रहा है, जिससे की अवैध खनन करने वाले नाव पुराने पुल को पार कर दूसरी तरफ नहीं जा सकें. जिला प्रशासन के इस कदम से अवैध बालू खनन पर काफी हद तक रोक लग सकती है. बड़े गेट को तैयार करने के लिए खनन विभाग की टीम जोर-शोर से लगी हुई है. नदी में बैरिकेडिंग लगाने के लिए उन पिलरों को चयनित किया गया है, जिस पिलर के बीच से नावों का परिचालन सबसे ज्यादा होता है.
एबीपी के खबर का असर
बता दें कि बुधवार की शाम सोन नदी में हजारों नाव अवैध खनन के लिए जा रहे थे, जिसकी तस्वीर एबीपी के कैमरे में कैद हो गई थी. सूर्यास्त के बाद बालू माफियाओं के मनमानी की तस्वीर सामने आई थी. अवैध खनन की तस्वीर एबीपी न्यूज ने बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम को व्हाट्सएप से वीडियो कॉलिंग के जरिए दिखाया था, जिसके बाद गुरुवार की सुबह सदर अनुमंडल पदाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और एसडीपीओ आरा विनोद कुमार ने दल बल के साथ सोन नदी में छापेमारी करते हुए कुल सात नावों को जब्त किया था. साथ ही 24 मजदूरों को गिरफ्तार किया गया है.
इसके पूर्व बिहार सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आइपीएस अधिकारी समेत 18 पदाधिकारी सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद भी सोन नदी में अवैध खनन का खेल रुक नहीं रहा था, जिसके बाद जिला प्रशासन नए तरीके से खनन को रोकने का प्रयास कर रहा है.
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