Brij Bihari Prasad Murder Case: 1998 में हुए बृज बिहार प्रसाद हत्याकांड मामले में गुरुवार (03 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं सूरजभान सिंह और राजन तिवारी समेत छह को बरी करने वाले पटना हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद अब बृज बिहार प्रसाद के परिवार की ओर से प्रतिक्रिया आने लगी है.


बृज बिहारी प्रसाद की बेटी रागिनी गुप्ता ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दो मुख्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं. अन्य अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है, लेकिन उन्हें निर्दोष नहीं समझा गया है. दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा धारा 302 और 307 के तहत दी गई है. 


रागिनी गुप्ता ने कहा कि आज देवी मां के आगमन का दिवस है. झूठ पर सच की विजय का दिन है. अन्य अभियुक्तों का इंसाफ मां दुर्गा अवश्य करेंगी. ये सामंतवादियों के खिलाफ हमारी लड़ाई थी उसकी जीत की गूंज है. इंसाफ की जीत की आवाज है. मेरे परिवार के साथ जो भी इस लड़ाई में साथ था मैं उन सबको धन्यवाद देती हूं. बता दें कि रागिनी गुप्ता सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता भी हैं.


मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को 15 दिन में सरेंडर करने का आदेश


बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में उधर सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को दोषी मानकर सजा सुनाते हुए 15 दिनों का समय दिया है कि ये लोग सरेंडर कर दें. बता दें कि 1988 में जब पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद अपने इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती थे उसी समय उनकी हत्या कर दी गई थी. 2014 में इस हत्याकांड से जुड़े सभी आठ आरोपितों को पटना हाईकोर्ट से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. इसके बाद बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी और पूर्व बीजेपी सांसद रमा देवी के साथ सीबीआई ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी.


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