पटना: बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्र रिजल्ट के लिए इंतजार कर रहे हैं. अब उनके इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है. बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) जल्द ही इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी करेगा. इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में तैयारी जोरों पर की जा रही है.


अभी विभाग में क्या चल रहा है?


अभी बिहार बोर्ड इंटर के 400 वैसे टॉपर्स जिनका अंक 90 प्रतिशत के आसपास या उससे ज्यादा है उसे कॉल करके बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कार्यालय बुला रहे हैं. वेरिफिकेशन किया जा रहा है. छात्र-छात्राओं से कुछ-कुछ जानकारी ली जा रही है. हाजीपुर के राघोपुर की रहने वाली छात्रा सारिका कुमारी शुक्रवार (17 मार्च) को बिहार बोर्ड के कार्यालय पहुंची थी. सारिका ने बताया कि वेरिफिकेशन में सभी विषय के टीचर मौजूद हैं. सबसे सभी विषयों पर 1-2 प्रश्न पूछे जा रहे हैं. राइटिंग का भी मिलान किया जा रहा है.


कब आएगा रिजल्ट?


रिजल्ट में पारदर्शिता के लिए 14 मार्च से टॉपर्स का वेरिफिकेशन शुरू है जो कल शनिवार 18 मार्च तक चलेगा. ऐसे में आज शुक्रवार शाम या शनिवार को किसी हाल में रिजल्ट जारी नहीं होने वाला है. इसके बाद रविवार है तो इस दिन भी रिजल्ट जारी नहीं होगा. बिहार बोर्ड के सूत्रों की मानें तो 20 मार्च यानी सोमवार को रिजल्ट जारी हो सकता है.


हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि इंटरमीडिएट का रिजल्ट कब जारी किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार तक वेरिफिकेशन का काम पूरा हो जाएगा. बताया जाता है कि रिजल्ट का काम पूरा हो चुका है सिर्फ वेरीफिकेशन नहीं होने के कारण रुका हुआ है.


2017 से हो रहा टॉपर्स का वेरिफिकेशन


वर्ष 2017 से इंटरमीडिएट और मैट्रिक की परीक्षा में रिजल्ट से पहले टॉपर्स का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. इससे पहले यह नियम नहीं था. 2016 में आर्ट्स में बिहार टॉप करने वाली रूबी राय का मामला काफी चर्चा में रहा था. साल 2016 में बिहार की छवि दागदार हुई थी. हाजीपुर की रहने वाली रूबी कुमारी ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था लेकिन जब उससे पूछा गया था तो उसे अपने सब्जेक्ट का नाम तक ठीक से याद नहीं था.


मामला सामने आने पर जहां बोर्ड की ओर से हर संभव सफाई देने की कोशिश की थी लेकिन टॉपर रूबी से रिव्यू टेस्ट में कई सवाल पूछे गए तो यह साबित हुआ कि उसने खुद अपनी कॉपी नहीं लिखी थी. पॉलिटिकल साइंस में 100 में 91 नंबर लाने वाली रूबी से जब पूछा गया था कि पॉलिटिकल साइंस क्या है तो उसने जवाब नहीं दिया था. इस विषय का उच्चारण भी सही से नहीं कर पाई थी. पॉलिटिकल साइंस को 'प्रोडिकल साइंस' बोलने के कारण बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे.


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