पटना: बीटीईटी (BTET) अभ्यर्थियों ने बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रदर्शन किया. गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा तक मार्च निकालने वाले थे, लेकिन गांधी मैदान से निकलने पर जेपी गोलंबर के पास ही पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government), तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने कहा कि हम लोगों से वादा किया गया था कि महागठबंधन सरकार बनेगी तो मांग पूरी की जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 


हालांकि कुछ छात्र पटना के डाकबंगला चौराहे पहुंच गए. यहां प्रदर्शन किया. एक अभ्यर्थी सड़क पर गिर गई जिसे महिला पुलिस द्वारा उठाकर ले जाया गया. वहीं एक अभ्यर्थी ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया. इसके बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं प्रदर्शन करने वालों को खदेड़ा. इस दौरान थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मची रही. अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर हंगामा करते रहे.






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पांच साल से नहीं हुआ बीटीईटी का आयोजन


इधर, प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि उनकी मांग है कि सातवें चरण शिक्षक नियोजन से पहले बीटीईटी का आयोजन हो. बिहार में पिछले पांच सालों से बीटीईटी का आयोजन नहीं हुआ है. हर साल बीएड, डीएलएड कर लाखों अभ्यर्थी प्रशिक्षित होते हैं लेकिन फिर भी बिहार में प्रति वर्ष बीटीईटी का आयोजन क्यों नहीं हो रहा है.


बता दें बिहार में लगातार अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. कुछ दिन पहले सीटीईटी के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. 2019 में ही सीटीईटी अभ्यर्थी क्वालीफाई कर चुके हैं. इन लोगों का कहना था कि अब तक बहाली प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसके बाद बीपीएससी के अभ्यर्थियों ने परसेंटाइल सिस्टम और दो पाली में होने वाली परीक्षा को लेकर विरोध किया था. अभ्यर्थियों का विरोध देख निर्णय बदलना पड़ा.


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