पटना: लोकसभा में सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश किए जाने के बाद से विवाद जारी है. विपक्ष बजट की खामियां बता कर दिया केंद्र सरकार पर हमला बोल रहा है. इधर, वार-पलटवार के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने एनके सिंह की अध्यक्षता वाली 15वें वित्त आयोग को धन्यवाद दिया है. उनका मानना है कि उसकी अनुशंसा पर उत्तरप्रदेश के बाद बिहार को सर्वाधिक 4 लाख 78 हजार 751 करोड़ की राशि अगले पांच साल में मिलने वाली है.


बिहार तेजी से कर पाएगा विकास


उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में से 4 लाख 24 हजार 926 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में हिस्से के तौर पर होगी जबकि 53,885 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त होगा. इस राशि से बिहार आने वाले दिनों में तेजी से विकास कर सकेगा.


गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के लिए वित्त आयाोग की अनुशंसा पर प्रावधानित 35,577 करोड़ में से 6,017 करोड़ रुपये स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पर खर्च किया जायेगा. आपदा प्रबंधन के लिए 14वें वित्त आयोग की तुलना में छह गुना अधिक 7,824 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


बिहार को भुगतना पड़ा खामियाजा


वहीं, बेहत्तर वित्तीय प्रबंधन का बिहार को खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. देश के उन 17 राज्यों को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट मिली है, जो पिछले वर्षों में अत्यधिक कर्ज लेने और कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने तक में दिक्कत झेल रहे थे. ऐसे राज्यों को 2 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुदान मिला है, जिनमें केरल को 37,814 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 40,115 करोड़, आन्ध्र प्रदेश को 30,497 करोड़,पंजाब को 25,968 करोड़ मिला है, जबकि बिहार को इससे वंचित रहना पड़ा है.


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