पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया. बजट पेश करने के बाद से विवाद जारी है. विपक्ष की पार्टियां बजट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल रही हैं. इसी क्रम में बिहार कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आम बजट को को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि पहले भी केंद्र की सरकार ने वादा कर जनता को धोखा दिया है और इस बार भी ऐसा ही हुआ है.
जनता को छलने का किया काम
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल बड़े-बड़े पूंजीपतियों की मदद करती है और जनता को छलती है. उन्होंने केंद्र सरकार पर बजट में चुनावी राज्यों का भी खास ख्याल रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र का यह बजट एक चुनावी बजट है जो बंगाल, तमिलनाडु, असम में चुनावी फायदे के लिए लोक लुभावन वादा कर रही है.
तेजस्वी ने बजट को बताया सेल बजट
इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आम बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक सेल बजट है. यानी, केंद्र सरकार किन कंपनियों को निजी हाथों में देने जा रही है, यह उसकी जानकारी मात्र है. उन्होंने कहा कि पहले ही तरह-तरह के संस्थानों को बेचा गया और अब क्या बिक रहा है, इस बजट में उसकी जानकारी दी गयी है. भाजपा सरकार देश की संपत्ति को बेचने की में तैयारी है.
निजीकरण को लेकर की आरक्षण की मांग
वहीं, बजट आने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और एनडीए घटक दल हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब देश में 80 प्रतिशत कंपनियों का नीजिकरण हो चुका है. ऐसे में हमारी मांग है कि ओबीसी, पिछड़ा और अतिपिछड़ा सामाज को प्राइवेट सेक्टर में 60 फीसदी आरक्षण दिया जाए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट को बताया संतुलित
इधर, वार पलटवार के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम बजट की तारीफ की है. उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान राजस्व संग्रहण में आयी दिक्कतों के बावजूद बजट को संतुलित बताते हुए केंद्र सरकार को बधाई दी है. नीतीश कुमार ने कहा कि ''साल 2021-22 के लिये 34.8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जो वित्तीय वर्ष के अनुमानित बजटीय खर्च 30.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
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