(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bulo Mandal Joins JDU: जेडीयू में शामिल होते ही बुलो मंडल ने दिया बड़ा बयान, RJD से क्यों तोड़ा नाता? खुद बताया
Bulo Mandal Joins Nitish Kumar Party JDU: बुलो मंडल ने कहा कि पुरानी जो लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल थी वो अब रही नहीं. आंतरिक लोकतंत्र पार्टी के अंदर होता है वह पूरी तरह समाप्त हो चुका है.
Bulo Mandal: राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद रहे बुलो मंडल गुरुवार (18 अप्रैल) को जेडीयू में शामिल हो गए. पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उन्हें जेडीयू की सदस्यता दिलाई. जेडीयू में शामिल होने के बाद बुलो मंडल ने बताया कि उन्होंने आखिर क्यों आरजेडी से नाता तोड़ा है.
बुलो मंडल ने कहा कि पुरानी जो लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल थी वो अब रही नहीं. जो आंतरिक लोकतंत्र पार्टी के अंदर होता है वह पूरी तरह समाप्त हो चुका है. हम लोगों को काम भी करना है क्यों समाज से और लोगों से जुड़े हुए हैं. उनके काम को तो हम लोगों को करना है.
'आरजेडी में काम करने वालों की पूछ नहीं'
आगे बुलो मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17-18 सालों से यहां के सीएम हैं. 2006-07 में जब उनके क्षेत्र में कटाव का काम हो रहा था उस समय वह विपक्ष में थे, लेकिन आग्रह करने के बाद मुख्यमंत्री ने उस समय कटाव को रोकने के लिए लगभग 500 करोड़ दिया. ललन सिंह ने 10 से 12 किलोमीटर तक बांध का निर्माण करवाया था. जेडीयू में काम करने वाली टीम है. आरजेडी को अब मेरी जरूरत नहीं है. आरजेडी में काम करने वालों की पूछ नही हैं.
वहीं ललन सिंह ने कहा कि बुलो मंडल का हमसे अच्छा संबंध रहा है. हमने कई बार इनसे कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमको छोड़ दीजिए. हम जहां हैं वहीं ठीक हैं, लेकिन आज इन्होंने राष्ट्रीय जनता दल को छोड़ा है. तो समझा जा सकता है कि कितनी बड़ी पीड़ा हुई होगी. अतिथि को सम्मान देने का काम जो नीतीश कुमार ने किया है वह पूरे देश में किसी ने नहीं किया है. राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसते हुए ललन सिंह ने कहा कि सभी जगह से इंपोर्ट करके प्रत्याशी को ला रहे हैं और जो कुछ बच रहा है वह अपने परिवार को दे रहे हैं.
दरअसल भागलपुर से सांसद रह चुके बुलो मंडल इसी सीट से फिर इस बार लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे. हालांकि सीट शेयरिंग में भागलपुर सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. इसके बाद से बुलो मंडल पार्टी से नाराज चल रहे थे. बीते बुधवार (17 अप्रैल) को उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दिया था.
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