पटनाजन अधिकार पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बक्सर जिले में जमीन अधिग्रहण को लेकर हुए हंगामा पर बड़ा खुलासा किया. बक्सर में छह लेन सड़क के निर्माण को लेकर उन्होंने शासन-प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया. कहा कि जमीन अधिग्रहण में 70 से 75 प्रतिशत पैसा गबन किया गया है. 2017 में बक्सर के डीएम मुकेश पांडेय की आत्महत्या मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. पप्पू यादव ने दावा किया कि डीएम मुकेश पांडेय ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि हत्या करके आत्महत्या का रूप दिया गया था.


पप्पू यादव ने जल विद्युत परियोजना को लेकर भी गंभीर आरोप लगाया. कहा कि परियोजना का काम 75 प्रतिशत हो जाने के बावजूद अधिकांश लोगों को पैसा नहीं दिया गया. सिर्फ 35 प्रतिशत लोगों को भुगतान किया गया. एलएंडटी कंपनी से नेताओं ने पैसा लिया. अश्विनी चौबे की पत्नी और मुन्ना तिवारी के लोगों ने पेटी कॉन्ट्रैक्ट लेकर काम किया. मुआवजे को लेकर कमेटी ने भी खेल किया है.  जमीन अधिग्रहण में लोगों ने पैसे का बंदरबांट किया. इस मामले में सीबीआई जांच हो.


'मुकेश पांडेय और नैयर ने आत्महत्या क्यों की'


पप्पू यादव ने कहा- "मैंने प्रधानमंत्री, होम मिनिस्टर, अपराध शाखा भारत सरकार और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. इस मामले में दो अधिकारी मुकेश पांडेय और नैयर ने आत्महत्या क्यों की और रिव्यू कमेटी ने पैसा गबन किया इसकी जांच की जाए."


डीएम के सुसाइड की बात आई थी सामने


बता दें कि बक्सर जिले के तत्कालीन डीएम मुकेश पांडेय का 10 अगस्त 2017 को यूपी के गाजियाबाद में ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने की बात सामने आई थी. लीला पैलेस होटल में मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि वह अपनी पत्नी और अपने मां-बाप के बीच हो रहे झगड़े से परेशान थे और इसी वजह से आत्महत्या कर रहे हैं. मुकेश के ससुर ने सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. अब जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने बड़ा सवाल उठाया है.


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