By-Elections 2024: बिहार रुपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. बीमा भारती (Bima Bharti) इस सीट से जेडीयू से विधायक थीं. बीमा भारती के इस्तीफे के बाद यह चुनाव हो रहा है. 14 जून को इसके लिए अधिसूचना जारी होगी. 21 जून तक नामांकन किया जा सकता है. 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी. 26 जून तक नाम वापसी की तारीख है जबकि 10 जुलाई को मतदान होगा. 13 जुलाई को काउंटिंग होगी. आयोग के अनुसार 15 जुलाई 2024 से पहले निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हो जानी चाहिए.
बता दें कि पूर्णिया की रुपौली विधानसभा सीट से बीमा भारती जेडीयू से विधायक थीं. जेडीयू से इस्तीफा देकर अब वह आरजेडी में शामिल हो गई हैं. इसी साल (2024) मार्च में इस्तीफा दिया था. अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है.
फिर से चुनाव मैदान में आ सकती हैं बीमा भारती
बीमा भारती अपने पुराने क्षेत्र रुपौली विधानसभा से आरजेडी के टिकट पर फिर से चुनाव मैदान में आ सकती हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव में इस बार उन्हें करारी हार मिली है. पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय पप्पू यादव को जीत मिली है. आरजेडी के टिकट पर बीमा भारती चुनाव लड़ीं लेकिन हार गईं.
बीमा भारती का रुपौली विधानसभा क्षेत्र से पुराना नाता है. मूल रूप से वह मधेपुरा जिले की रहने वाली हैं. वर्ष 2000 से वह लगातार वहां की विधायक रही हैं. सबसे पहले बीमा भारती 2000 में निर्दलीय चुनाव लड़ीं और जीत गईं. 2005 में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गईं, लेकिन 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में वह एलजेपी प्रत्याशी से हार गईं. हालांकि किसी को पूर्ण बहुमत नहीं आने के कारण राष्ट्रपति शासन लग गया था. उसी साल नवंबर में चुनाव हुआ था जिसमें बीमा भारती आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीत गईं थीं. हालांकि उस वक्त सरकार एनडीए की बनी थी और पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने थे.
बीमा भारती के पति अवधेश मंडल उस इलाके के बाहुबली कहे जाते हैं. हत्या एवं हत्या के प्रयास सहित कई अन्य संगीन आपराधिक मामले उन पर दर्ज हैं. रुपौली विधानसभा में अवधेश मंडल की तूती बोलती है. यही कारण है कि बीमा भारती निर्दलीय से भी चुनाव जीत चुकी हैं. 2010 में बीमा भारती राष्ट्रीय जनता दल को छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुई थीं. लगातार 2015 और 2020 में जेडीयू के टिकट पर वह चुनाव जीत गईं. 2019 से 2020 तक वह नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में गन्ना उद्योग मंत्री भी रही हैं. 2024 में उन्होंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया और राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गईं.
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