CAA पर CM नीतीश कुमार की पार्टी की प्रतिक्रिया, केंद्र सरकार को लेकर कही बड़ी बात
CAA Rules Notification JDU Reaction: जेडीयू ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा से पास होकर कानून बन चुका है. चुनाव का मौका है, ऐसा करने के लिए विपक्ष आजाद है.
Citizenship Amendment Act: सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला तेज हो गया है. इस बीच बीजेपी सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी अपनी राय दी है. जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये आश्वासन दिया है कि इस कानून के तहत किसी की भी नागरिकता समाप्त नहीं की जाएगी. जो तीन देशों के अल्पसंख्यक हैं, जो 2014 से पहले यहां के नागरिक हैं सिर्फ उन्हीं को नागरिकता दी जाएगी. ये लोकसभा और राज्यभा दोनों से पास हो चुका है. ये कानून बन चुका है.
विपक्ष कहने और सोचने के लिए स्वतंत्र- केसी त्यागी
विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उनको लगता है कि चुनाव का मौका है तो वो ऐसा कहने और सोचने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि विपक्षी दल सरकार पर ये आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव से ठीक पहले इसे लागू किया गया है. टाइमिंग पर विपक्ष ने सवाल उठाया है.
VIDEO | Here's what JD(U) leader KC Tyagi said on Centre announcing implementation of CAA.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 11, 2024
"The Centre has assured that this law will not finish anyone's citizenship. This Act has been passed by the Lok Sabha and Rajya Sabha several years back. If they (opposition) think that… pic.twitter.com/ICZcV33LmZ
बिहार बीजेपी अध्यक्ष क्या बोले?
सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी होने के बाद बिहार बीजेपी के चीफ सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया एक्स पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने लिखा, "भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण। CAA के संकल्प को साकार करने के लिए मोदी सरकार का हार्दिक धन्यवाद!"
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सीएए से जुड़ी मुख्य बातें
- भारतीय नागरिकता कानून (CAA) 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 संसद में पेश किया गया
- 10 दिसंबर, 2019 लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ
- 12 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही CAA कानून बना
- 11 मार्च, 2024 को केंद्र सरकार ने CAA की अधिसूचना जारी की
- इसके तहत सरकार 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देगी.