पटना: बिहार में विकास की गति को तेज करने के लिए सरकार ने शहरीकरण पर जोर देना शुरू कर दिया है. रविवार को बिहार की राजधानी पटना में हुई कैबिनेट की बैठक में नए नगर निकायों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. ऐसे में मोतिहारी, बेतिया, सासाराम, मधुबनी और समस्तीपुर को नगर निगम का दर्जा दिया गया है. इसके साथ बिहार में नगर निगमों की संख्या 17 हो गई है. मालूम हो कि मोतिहारी से पूर्व मंत्री और बीजेपी के प्रमोद कुमार विधायक हैं. जबकि बेतिया से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी विधायक हैं.


वहीं, सासाराम, मधुबनी और समस्तीपुर में राजद के विधायक हैं. बेतिया, मोतिहारी और सासाराम में भोजपुरी बोली जाती है, जबकि समस्तीपुर और मधुबनी में मैथिली. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मिथिला मंडल के तीन जिलों में जबरदस्त जीत हासिल की थी. अब ये तीनों जिले नगर निगम हो गए हैं. इनमें दरभंगा पहले से नगर निगम है. इनके पास का शहर बेगूसराय भी पहले से नगर निगम है.


बिहार में पटना, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी, छपरा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, बांका, बिहार शरीफ, मुंगेर, गया, आरा, सासाराम नगर निगम हो गए हैं. इसी साल सीतामढ़ी को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट ने मंजूर किया था लेकिन इसका मसला कहीं फंसा हुआ है. लेकिन चुनाव से पहले यह तस्वीर भी साफ हो जाएगी.


आज की कैबिनेट बैठक में सरकार ने 103 नए नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई है. आठ ग्राम पंचायतों को सीधे नगर परिषद बना दिया गया है. वहीं, 32 नगर पंचायत को नगर परिषद में अपग्रेड किया गया है. 12 नगर निगम और नगर परिषद की सीमा का विस्तार किया गया है. इसमें हाजीपुर नगर परिषद और बिहार शरीफ नगर निगम भी शामिल हैं.


बता दें कि बिहार में आबादी के हिसाब से नगर निकाय गठित किए गए हैं. बड़े शहर नगर निगम, मध्यम स्तर के शहर नगर परिषद और लघु स्तर के शहर नगर पंचायत हैं. नए नगर पंचायतों में अगले साल मुखिया का चुनाव नहीं होगा. 11 हजार से ज्यादा आबादी पर नगर पंचायत और 40 हजार से ज्यादा आबादी पर नगर परिषद का गठन किया गया है.