सुपौल: बिहार के सुपौल जिले के वीरपुर अनुमंडल कार्यालय परिसर में मंगलवार को सेना में भर्ती होने से चूक गए अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया. दरसअल, कार्यालय की ओर से निर्गत प्रमाणपत्रों में डिजिटल सिग्नेचर नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों के फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया. इसी बात से नाराज अभ्यर्थियों ने कार्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया.


इस वजह से कर दिया रिजेक्ट


दरअसल, सेना बहाली परीक्षा में शामिल होने पहुंचे वीरपुर के अभ्यर्थियों को उस वक्त निराश होना पड़ा जब शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफलता मिलने के बाद भी उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. प्रमाण-पत्र जांच के दौरान आवासीय और जाति प्रमाणपत्रों पर अनुमण्डल पदाधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर मौजूद नहीं था. ऐसे में उन सभी अभ्यर्थियों को चयन कमिटी द्वारा असफल घोषित कर दिया गया.


इस घटना के बाद अभ्यर्थियों में मायूसी के साथ आक्रोश भी देखा गया क्योंकि ये चूक उनकी नहीं बल्कि अनुमंडल प्रशासन की थी. अभ्यर्थियों का कहना है कि वीरपुर अनुमण्डल पदाधिकारी के कार्यालय से निर्गत प्रमाण-पत्र पर अंचलाधिकारी विद्यानन्द झा का डिजिटल सिग्नेचर तो मौजूद है. लेकिन अनुमण्डल पदाधिकारी का डीजिटल सिग्नेचर नहीं होने की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में लगे अधिकारियों ने शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है.


अधिकारियों की लापरवाही के कारण नहीं हो पाया


मिली जानकारी अनुसार कई अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनके लिए भारतीय सेना में बहाल होने का यह अंतिम अवसर था. ऐसे में कटिहार से लौटे अभ्यर्थियों ने आज अनुमण्डल कार्यालय पहुंच कर अनुमण्डल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अधिकारियों के काम से नाराज अभ्यर्थियों ने कार्यालय परिसर के सामने हंगामा और प्रदर्शन किया. साथ ही ये आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनका चयन नहीं हो पाया.


इधर, मौके पर मौजूद कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने युवकों को आश्वस्त किया कि इस समस्या का निदान उच्चाधिकारियों से सलाह कर जल्द ही निकाला जाएगा.


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