पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा शिक्षकों के रिजल्ट जारी करने के बाद अभ्यर्थी लगातार हंगामा कर रहे हैं. रिजल्ट में खामियों को लेकर बीपीएससी गेट पर पिछले दो दिनों से अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. बीते बुधवार को सैकड़ो की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी बीपीएससी गेट पर जमा हो गए और रिजल्ट (BPSC Teacher Result) में गड़बड़ी का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि फर्जी डिग्री पर बहाली की गई है. कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किया गया है. हालांकि हंगामे के बाद बुधवार की शाम को बीपीएससी ने कट ऑफ मार्क्स जारी कर दिया. गुरुवार को दिव्यांग का रिजल्ट नहीं आने पर सैकड़ों की संख्या में दिव्यांग अभ्यर्थी बीपीएससी पहुंचे. बुधवार को भी पुलिस ने अभ्यर्थियों को बलपूर्वक खदेड़ा था और आज भी पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को भी बीपीएससी गेट से हटाया. बीपीएससी कार्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दी गई है और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है.


बीपीएससी ने 18 अक्टूबर को 122336 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया था. इसमें सबसे अधिक प्राथमिक विद्यालय के रिजल्ट थे. इसके साथ ही आठवीं से दसवीं और 11वीं तथा 12वीं के शिक्षक का रिजल्ट भी जारी किया गया. लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पत्र दे दिया गया है.


छात्रों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप


छात्रों ने बताया है कि यह कई जगह से गड़बड़ियां सामने आई हैं और हम लोग मांग कर रहे हैं कि सभी अभ्यर्थियों का जो सफल हुए हैं उनका सही वेरिफिकेशन किया जाए और सही डॉक्यूमेंट लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. हालांकि बीपीएससी ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि उसका काम परीक्षा लेकर रिजल्ट देना था वेरिफिकेशन का काम शिक्षा विभाग का है. बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने 18 अक्टूबर को ही इसकी जानकारी मीडिया के समक्ष दे दी थी. वहीं, इसमें एक मामला सामने आया कि झारखंड के डालटनगंज के मुकेश सिंह के पास एसटीईटी की डिग्री नहीं है फिर भी इनका चयन 11-12वीं के इतिहास शिक्षक पद के लिए हो गया. रिजल्ट जारी होने के पहले पटना और किशनगंज में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी सफल कर दिया गया. शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक के लिए डीएलएड अभ्यर्थी का ही चयन होना था, लेकिन कई बीएड अभ्यर्थी भी चयनित हो गए हैं.


सब पुराने घोटालेबाज हैं- सम्राट चौधरी 


शिक्षक अभ्यर्थियों को लेकर अब बिहार में सियासत भी गर्म हो गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश पर जमकर निशाना साधते हुए कहा यह सरकार घोटाले करने के आदी हो चुकी है. शिक्षकों का ही उपयोग शिक्षक बहाली में किया जा रहा है. नीतीश कुमार सिर्फ नाम के नौकरी देने की बात करते हैं जो नियोजित शिक्षक हैं उन्हें ही बहाल करके शिक्षक बहाली की प्रक्रिया को पूरी की जा रही है तो फिर नया आपने क्या किया है? उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तो शिक्षकों की मांग को लेकर प्राणों की आहुति तक दी है. हम पहले से भी मांग करते रहे कि  नियोजित शिक्षकों को एसटेट के आधार पर जब बहाल किए थे तो उन्हें बीपीएससी क्यों दौड़ा रहे हैं? सरकार में जितने लोग बैठे हैं सब पुराने घोटालेबाज हैं और घोटाले करने के आदी हो चुके हैं.


जेडीयू ने विभाग का किया बचाव 


हालांकि जेडीयू ने सरकार का बचाव किया. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. जो रिजल्ट में पास हुए हैं उनका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जा रहा है .डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में जो गलत पाए जाते हैं तो उन्हें छंटनी की जाएगी. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है. देश में पहली बार किसी राज्य में इतनी बड़ी बहाली हुई है यह तो हर्ष का विषय है. बता दें कि कक्षा 1 से 12 तक कुल परिणाम 122336 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं. इनमें 65000 नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा दी थी. इनमें 28815 नियोजित शिक्षक सफल हुए हैं. बिहार के बाहर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों में कुल रिजल्ट का लगभग 12% यानी लगभग 14500 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. दूसरे राज्यों में सबसे अधिक यूपी के अभ्यर्थी हैं. इसके बाद झारखंड, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल दिल्ली और पंजाब के भी अभ्यर्थी सफल हुए हैं.


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