मोतिहारी: बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड अपने कारनामों की वजह से इन दिनों सुर्खियों में है. प्रदेश के पूर्वी चंपारण जिले के आदापुर प्रखंड के पकही गांव स्थित मदरसा में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में स्थानीय लोगों ने बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कयूम अंसारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल, बीते दिनों पकही के मदरसा रौजतुल उलूम में बीए (ट्रेंड) या एमएक किए हुए अभ्यर्थियों से निविदा मांगी गई थी, जिसमे शिक्षक पद पर कुल नौ अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था.


परीक्षा के दौरान धांधली का आरोप 


वहीं, इस बाबत 29 जनवरी को लिखित और मौखिक परीक्षा भी ली गई. लेकिन परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं दिखी. ऐसे में इस बात से नाराज ग्रामीणों और अभ्यर्थियों ने मदरसा गेट पर घंटों प्रदर्शन किया और बहाली प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की. बता दें कि बहाली को लेकर बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें दो शिक्षक बोर्ड द्वारा तो दो रौजतुल उलूम मदरसा पकही द्वारा नामित किए गए थे. परीक्षा के दौरान ये शिक्षक मौके पर मौजूद रहे.


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वहीं, लिखित परीक्षा के लिए पकही मदरसा में बना प्रश्न ही प्रिंट कराया गया. आरोप है कि मदरसा शिक्षकों ने पर्चा लीक किया. वहीं, रसूख का इस्तेमाल कर नियम और कायदे कानून की भरपूर अनदेखी की गई. पकही गांव के लोगों का कहना है कि मदरसा बोर्ड चेयरमैन अब्दुल क्यूम अंसारी और मदरसा रौजतुल उलूम के अध्यक्ष डॉक्टर परवेज की मिलीभगत से योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज करते हुए मनपसंद लोगों को बहाल कर लिया गया.


बोर्ड मेम्बर ने जानकारी नहीं होने की कही बात


हालांकि, इस संबंध में जब बोर्ड मेम्बर सोहेल अख्तर से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लिखित और मौखिक प्रश्न परीक्षा में प्रथम स्थान पर सरवर आलम और द्वितीय स्थान पर उम्मे कुलसुम रहीं. उन्हें केवल इसी बात की जानकारी है. लेकिन उसके बाद क्या हुआ उन्हें कुछ नहीं बताया गया है. 


इधर, बहाली में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा, " अगर बहाली को रद्द कर योग्य उम्मीदवार की तैनाती नहीं होती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो संगीन मामले के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है." प्रदर्शनकारियों ने मदरसा बोर्ड से नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि गलत बहाली से पूरी नस्ल पर असर पड़ेगा क्योंकि जिन अभ्यर्थियों का चयन किया जा रहा है वे योग्य नहीं हैं. 


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